मेरा मानना है कि जब हम एक वेबसाइट चलाते हैं, तो हमारी सबसे बड़ी चिंता यह होती है कि हमारी वेबसाइट को लोग कैसे ढूंढेंगे और उसे कैसे पहचानेंगे। गूगल सर्च कंसोल (Google Search Console) एक ऐसा टूल है जो हमारे लिए इसी काम में मदद करता है। यह हमें वेबसाइट की सम्पूर्ण हेल्थ जानकारी प्रदान करता है, जैसे कि यह दिखाता है कि हमारी वेबसाइट को सर्च इंजन बोट सही से इंडेक्स कर रहा है की नहीं, हमारी वेबसाइट पे कोई broken link तो नहीं है जिसके कारण 404 error दिखा सकता है, हमारी वेबसाइट पे canonical error तो नहीं है और वेबसाइट के प्रदर्शन से संबंधित अन्य महत्त्वपूर्ण जानकारी।
इस पोस्ट के माध्यम से हम सर्च कंसोल के बारे में बहुत ही detail में जानेंगे और कुछ टिप्स भी मिलेंगे जो की आपकी वेबसाइट की SEO Optimization में मदद करेगा |
Google Search Console क्या है?
Google Search Console एक निःशुल्क और शक्तिशाली उपकरण है जो webmasters और bloggers को वेबसाइट के हेल्थ की जानकारी प्रदान करता है। इसमें आपको अपने वेबसाइट के स्वास्थ्या, errors, ट्रैफिक जानकारी, और बहुत कुछ देखने को मिलता है। यह जानने का एक माध्यम होता है कि गूगल कैसे हमारी वेबसाइट को देख रहा है और यह किस प्रकार से यूजर्स के सामने आ रही है।
Google Search Console में अपने वेबसाइट कैसे जोड़ें?
Google Search Console में अपनी वेबसाइट को जोड़ना बहुत ही आसान है। निचे दिए स्टेप्स को फॉलो करके आप अपने वेबसाइट को जोड़ सकते है |
1. Google Search Console वेबसाइट अपने ब्राउज़र में खोलें
2. अपने Google अकाउंट से साइन इन करें
3. ‘Add Property’ पर क्लिक करें और वेबसाइट URL डालें.
4. Google द्वारा दिए गए वेरिफिकेशन मेथड का चयन करें और अनुसरण करें। (मैं Recommend करूँगा की आप HTML tag चुने)
5. अब आपका वेबसाइट Google Search Console में जुड़ जाएगा।
Google Search Console का उपयोग कैसे करें?
GSC में लॉग इन करने के बाद, आपको आपके वेबसाइट के सम्पूर्ण हेल्थ दिखाएगा। आप यहाँ से वेबसाइट के प्रदर्शन, broken link और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इससे आप अपनी साइट को बेहतर बना सकते हैं और अधिक यूजर्स को आकर्षित कर सकते हैं।
इस टूल की मदद से आप अपने वेबसाइट पर आने वाले Organic Traffic के बारे में सम्पूर्ण जानकारी देता है जैसे की वेबसाइट पर क्लिक कितने आ रहे है, impression कितना है, CTR कितना है और किस कीवर्ड से आपका वेबसाइट Google में रैंक कर रहा है | इससे आपको कीवर्ड और content optimization में बहुत मदद मिलता है|
आइये अब गूगल सर्च कंसोल dashboard के सभी ऑप्शन को एक एक कर के समझते है |
1. Overview
Search console में जब आप लॉगिन करते है तो आपकी वेबसाइट का overview दिखता है जिसमे आप एक साथ सारे मैट्रिक्स देख लेते है जैसे performance, Indexing, Experience, Enhancements.
2. Performance
यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण मैट्रिक्स होता है जिसमे आपके वेबसाइट पर आने वाले organic traffic के बारे में सम्पूर्ण जानकारी देता है जैसे Total click कितना आया, impression कितना आया, CTR कितना है और average position क्या है |
इससे आपको ये पता चल जाता है की यूजर ने क्या कीवर्ड सर्च करके आपके वेबसाइट पे आये, इन कीवर्ड्स का इस्तेमाल अपने कंटेंट में करके अपने कंटेंट को और ऑप्टिमाइज़ कर सकते है ताकि आपके वेबसाइट पे impressions, clicks aur CTR बढे|
3. URL Inspection
इसका इस्तेमाल करके आप हर एक पेजेज या पोस्ट्स के URL का status पता चलता है जैसे की index हुआ है या नहीं, mobile पे सही से दिख रहा है या नहीं और breadcrum का इस्तेमाल अगर पेज पे किया है तो वो detect कर रहा है की नहीं |
और अगर आपका पोस्ट नया है और इंडेक्स नहीं हुआ है तो URL inspection में डाल कर request indexing पर क्लिक कर के request भेज सकते है |
4. Indexing
इसमें आपको 3 option मिलेंगे, Pages, Sitemap और Removal
i) Pages: इसमें आपके वेबसाइट के कितने पोस्ट्स या पेज इंडेक्स हो गए है वो पता चलता है | इसके साथ-साथ जो पेजेज इंडेक्स नहीं हुआ है उसका कारण क्या है जैसे Not found (404), no index tag लगा है, page with redirect इत्यादि |
ii) Sitemap: इसमें आप गूगल को अपने वेबसाइट का कंटेंट स्ट्रक्चर सबमिट करते है |
Sitemap क्या होता है यह जानना है तो आप इस आर्टिकल को पढ़ सकते है – Sitemap क्या है और Google search console में कैसे submit करे
iii) Removal: Recommend करूँगा की इसका इस्तेमाल आप न करे क्यूंकि एक गलती आपके वेबसाइट का इंडेक्सिंग रोक सकता है | इसमें आप 2 मैट्रिक्स के बारे में जानेगे:
- Temporary Removals: इसका इस्तेमाल होता है किसी भी पोस्ट या पेजेज को temporary इंडेक्स से हटाने के लिए |
- Outdated Content: अगर कोई कंटेंट बहुत ही पुराना हो गया हो और उसको इंडेक्सिंग से हटाना हो तो इसका इस्तेमाल कर सकते है | इसका इस्तेमाल ज्यादातर न्यूज़ वेबसाइट पे होता है
5. Experience:
इस सेक्शन से आप ये पता लगा सकते है की आपके यूजर वेबसाइट पे किस तरीके से engage हो रहे है |
Page Experience: इसमें आपको आपके वेबसाइट का overall experience मिलता है जैसे यूजर कितने देर तक आपके वेबसाइट पर रुका, वेबसाइट की लोडिंग स्पीड क्या है, कोई सिक्योरिटी issue तो नहीं है, SSL certificate install है की नहीं |
Core Web Vital: यह एक SEO मैट्रिक्स है जो की आपके वेबसाइट की लोडिंग स्पीड के ऊपर निर्वर करता है |
Core web vital में आप 3 मुख्य सेक्शन पाएंगे:
- Largest Contentful Paint (LCP): यह दिखाता है कि पेज को लोड होने में सबसे ज्यादा समय कितना लगता है। इससे पता चलता है कि पेज की सबसे महत्त्वपूर्ण कंटेंट कितनी जल्दी दिखाई देती है। अच्छा यूजर एक्सपीरियंस के लिए पेज लोड 2.5 सेकंड होना चाहिए |
- First Input Delay (FID): यह दिखाता है कि जब यूजर पहली बार पेज पर कोई इंटरैक्टिव तत्व को क्लिक या टैप करता है, तो सिस्टम कितनी देरी से प्रतिक्रिया देता है। अच्छा यूजर एक्सपीरियंस के लिए FID को 100 milisecond से कम होना चाहिए |
- Cumulative Layout Shift (CLS): यह बताता है कि पेज के लोड होते समय visual stability कैसा है | अच्छा यूजर एक्सपीरियंस के लिए CLS स्कोर 0.1 से कम होना चाहिए|
Mobile usability: इस ऑप्शन से हम यह पता लगा सकते है की हमारी वेबसाइट पेजेज और पोस्ट्स मोबाइल फ्रेंडली है या नहीं। अगर कोई error है तो आपको यहाँ से रिपोर्ट भी मिल जाएगा।
6. Enhancement:
Enhancement रिपोर्ट में आपको आपकी वेबसाइट पे जितने भी structured data या schema markup implemented है उसका रिपोर्ट देखता है और अगर कोई error है तो यहाँ से रिपोर्ट देख कर आप उसे ठीक कर सकते है।
इस रिपोर्ट में आपको 3 बिकल्प मिलते है:
- Error: इसमें आपके वेब पेजेज पे implemented structured data का error दिखता है reason के साथ
- Valid with Warning: इसमें आपको वो पेजेज दिखेंगे जो की गूगल ने इंडेक्स तो कर लिया है पर उसमे छोटी सी गलती है।
- Valid: इसमें आपको वो वेब पेजेज दिखेंगे जिसमें structured data सही से implement हुआ है और गूगल ने इंडेक्स भी किया है बिना किसी error के।
7. Security & Manual Action
इस सेक्शन में आपको गूगल ये बताता है की आपकी वेबसाइट पर कोई स्पैम हुआ है तो वो manual action में दिखता है और अगर कोई वेबसाइट सिक्योरिटी issue होता है तो वो Security action में दिखता है।
8. Links
इस सेक्शन में आप अपने वेबसाइट से जुड़े सभी links की जानकारी प्राप्त करते है जैसे External links, Internal links, Top Linking Sites (Backlink).
9. Settings
यह सेक्शन वेबसाइट ओनर के लिए है। इसमें आप सर्च कंसोल का access दूसरे यूजर को दे सकते है और अगर प्रॉपर्टी को delete करना है तो यहाँ से कर सकते है।
Google Search Console के फ़ायदे
Google Search Console के कुछ मुख्य फायदे हैं:
- वेबसाइट की सेहत के बारे में बताता है: यह आपको बताता है कि आपकी वेबसाइट का कैसा प्रदर्शन हो रहा है, जैसे कि सर्च में कितना विजिबल हो रहा है और वेबसाइट की सेहत कैसी है।
- सर्च ट्रैफिक कीवर्ड्स: यह आपको बताता है कि आपके वेबसाइट पर किन कीवर्ड्स से ट्रैफिक आ रहा है और किन queries से आपकी साइट दिखाई जा रही है।
- वेबसाइट Standard complience: यह आपको बताता है कि आपकी साइट पर कोई error या standard violation हो रहा है जो ठीक करने की आवश्यकता है।
- साइट के लिंक्स की जानकारी: यह आपको बताता है कि आपकी साइट को कौन-कौन सी वेबसाइट्स से लिंक मिल रहे हैं, जो आपके SEO के लिए महत्त्वपूर्ण हो सकते हैं।
- मोबाइल डिवाइस के लिए साइट प्रदर्शन: यह आपको बताता है कि आपकी वेबसाइट मोबाइल में कैसे दिखाई जा रही है और क्या उसमें सुधार की आवश्यकता है।
निष्कर्ष:
मैंने इस पोस्ट में आप लोगों को समझाने की कोशिश की है की गूगल सर्च कंसोल क्या है, अपने वेबसाइट को इससे कैसे जोड़े, इसका उपयोग कैसे करे और इसके फ़ायदे क्या है।
आशा करता हूँ की आपको समझ में आया होगा। अगर कोई भी सवाल अभी भी बाकी हो तो प्लीज कमेंट करे, मैं कोशिश करूँगा जल्द से जल्द उत्तर देने की।
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Biswajeet Singh इस हिंदी ब्लॉग के Founder हैं। वह एक Professional Digital Marketer हैं जिनको 12+ years का experience है और इनको SEO, Blogging, wordpress, Make Money Online से जुड़ी विषय में लिखने में रुचि है। अगर आपको ब्लॉगिंग या Internet से जुड़ी कुछ जानकारी चाहिए, तो आप यहां बेझिझक पुछ सकते है।