SEO – Blogging in Hindi https://blogginginhindi.com Sun, 22 Sep 2024 09:59:59 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.3.4 https://blogginginhindi.com/wp-content/uploads/2023/05/cropped-blogging-in-hindi-512x512-1-2-32x32.png SEO – Blogging in Hindi https://blogginginhindi.com 32 32 अपने website के लिए keywords कैसे find करें – 7 नए तरीके https://blogginginhindi.com/how-to-find-keywords-for-your-website-content/?utm_source=rss&utm_medium=rss&utm_campaign=how-to-find-keywords-for-your-website-content https://blogginginhindi.com/how-to-find-keywords-for-your-website-content/#respond Sat, 10 Aug 2024 04:46:32 +0000 https://blogginginhindi.com/?p=558 किसी भी वेबसाइट ओनर के लिए सबसे बड़ा चैलेंज होता है अपनी वेबसाइट SEO के लिए सही keywords को ढूंढना।  आपने ऑनलाइन बहुत सुना होगा की आपको low competitive and high search volume keywords टारगेट करने चाहिए लेकिन क्या आपको पता है की keywords को find कैसे करना हैं।  अगर नहीं तो इस पोस्ट को ... Read more

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किसी भी वेबसाइट ओनर के लिए सबसे बड़ा चैलेंज होता है अपनी वेबसाइट SEO के लिए सही keywords को ढूंढना। 

आपने ऑनलाइन बहुत सुना होगा की आपको low competitive and high search volume keywords टारगेट करने चाहिए लेकिन क्या आपको पता है की keywords को find कैसे करना हैं। 

अगर नहीं तो इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़िए। इस ब्लॉग पोस्ट में आप 7 नए तरीके जानेंगे जिसके मदद से आप आसानी से अपनी वेबसाइट के लिए सही कीवर्ड्स find कर सकते है और गूगल टॉप 10 में रैंक करवा कर ढेर सारा ट्रैफिक ला सकते हैं। 

Keywords find करने के तरीको को जानने से पहले ये समझना बहुत ही जरुरी है की आपका targeting audience कौन है क्यूंकि अगर आप अपनी वेबसाइट ऑडियंस को नहीं समझ पाए तो आप अपनी वेबसाइट के लिए सही keywords सर्च नहीं कर पाएंगे। 

इसीलिए सबसे पहले अपने प्रोडक्ट को समझे और उसका टारगेट ऑडियंस कौन होगा वो समझे जैसे 

अगर मेरा बिज़नेस education का है तो सबसे पहले मुझे ये देखना होगा की किन बच्चो के लिए मेरा प्रोडक्ट कारगार हैं। 

अगर स्कूल स्टूडेंट्स के लिए हैं तो हमारा टारगेट ऑडियंस parents होंगे और अगर कॉलेज स्टूडेंट्स के लिए है तो टारगेट ऑडियंस खुद स्टूडेंट्स होंगे जिनका Age between (19-25) होंगे। 

जब आप टारगेट अपने टारगेट audience के बारे में समझ जाएंगे तब आप सही कीवर्ड्स का चयन कर पाएंगे। 

आइये अब जानते है 7  नए तरीके जो आपको keywords ढूंढने में मदद करेंगे।

7 New Ways to Find Keywords for Your Website to Boost Organic Traffic

1. Google Search Console से high impression keywords निकालें

आप जब भी Google Search Console में कीवर्ड्स देखते है तो आपको कई ऐसे keywords मिलते है जिसपे आपने कोई भी कंटेंट नहीं बनाया है लेकिन वो रैंक हो रहा है और impression भी काफी है। 

यहाँ 1 opportunity आपके पास है की उन keywords के लिए कंटेंट लिखे और पोस्ट करें। इससे आपकी वेबसाइट की authority build होगी। 

अगर आप GSC पे नए है और आपको नहीं पता की Google Search Console में keywords कैसे find करें तो निचे दिए steps को follow करें :

i) Google Search Console खोले और performance tab पर क्लिक करें।

Google search console

ii) फिर आपको निचे दिए Top Queries वाले tab को सेलेक्ट करना है। इसमें आपको बहुत सारे कीवर्ड दिख जाएंगे जिससे आपकी वेबसाइट pages रैंक कर रहे है।

How to find Queries in Google search console

जिन keywords से आपने अभी तक कंटेंट नहीं बनाया है और उन कीवर्ड्स से impressions आ रहा है तो उस keyword पे कंटेंट जरूर बनाये और जिस भी पेज पर वो कीवर्ड मौजूद है वहाँ से अपने नए कंटेंट को interlink कर दीजिये, आपके कंटेंट को boost मिलेगा।

2. Find Competitors Keywords – Keyword जिससे आपका competitor रैंक कर रहा हो

इस प्रोसेस को keyword gap analysis भी कहते है। यह एक बहुत ही शानदार तरीका है कीवर्ड्स find करने का और इसको find करने के लिए आप Semrush Keyword Gap Tool का इस्तेमाल कर सकते है। 

इस टूल के जरिये आप अपनी वेबसाइट और अपने competitor की वेबसाइट को compare कर सकते है और uptapped keyword को find करके आप उनके ऊपर भी कंटेंट बना सकते है।

Semrush Keyword Gap Tool

3. Identify Lost Keywords

बहुत कम लोगों को ये पता होता है की Google Search console टूल कितना पावरफुल है। 

इस टूल की मदद से आप अपनी वेबसाइट पे किन किन कीवर्ड्स से impressions आ रहे है ये पूरा ट्रैक कर सकते है और अपनी वेबसाइट पर organic traffic के लिए कंटेंट स्ट्रेटेजी आसानी से बना सकते है। 

आपको इस टूल के जरिये बहुत सारे keywords ऐसे मिलेंगे जिससे पहले आपकी वेबसाइट पर impressions दिखाता था पर अब नहीं दिखाता क्यूंकि उन keywords का intent आपकी कंटेंट से match नहीं करता। 

example : मान लीजिये आपने कंटेंट लिखा है “Best Sports Shoes” keywords के ऊपर, पर ये कंटेंट “best running shoes” keyword से भी रैंक करने लगे क्यूंकि इस कीवर्ड का intent sports shoes है। 

लेकिन कुछ दिनों के बाद ये कीवर्ड से रैंक चली जायेगी क्यूंकि इस कंटेंट में सिर्फ sports shoes के ही बारे में बाते लिखी गयी है।  

अब सवाल यह है की “best running shoes” keyword से दोबारा रैंक कैसे करेगा ?

बहुत ही आसान है, आपको “best running shoes” keyword के ऊपर seperate कंटेंट बनाना होगा ताकि आप दोबारा lost कीवर्ड से रैंक कर सके और ट्रैफिक generate कर सके। 

अभी तक आपने यह जाना की आप अपनी वेबसाइट के lost keywords को कैसे निकालेंगे। 

अब सबसे interesting ये है की आप अपने competitors की वेबसाइट के lost keywords कैसे निकालेंगे ?

इसके लिए मैं Semrush organic search tool का इस्तेमाल करता हूँ।  इसमें आपको आपके competitors के सारे keywords मिल जाएंगे जिससे वो रैंक कर रहा है और रैंक कर रहा था। 

आइये अब बताता हूँ की आप इस टूल का इस्तेमाल कैसे कर सकते है competitors के lost keywords निकालने के लिए।

i) Organic Research Tool ओपन करे और competitor का domain enter करे फिर सर्च बटन पर क्लिक कर दे।

Semrush Organic Research tool

ii) फिर आपको scroll down करके “Top position changes in Organic” सेक्शन पर जाना है और “lost” tab पर क्लिक करना है और फिर आपको view all keyword button पे क्लिक करना है।

Find lost keywords of your competitors

iii) क्लिक करते आपको competitor के सारे lost keywords with URL आपको मिल जाएगा |

iv) इसके बाद आपको सबसे ज्यादा ट्रैफिक चेंज के हिसाब से sort करना है और फिर ये देखिये की कौन सा keywords आपके वेबसाइट के relevant है। 

v) फिर आपको ये figure out करना है की आप उन कीवर्ड्स पे किस तरीके का कंटेंट बनाएंगे। इसके लिए “Intent” column को देखिये

I -> Informational
N -> Navigational
C -> Commercial
T -> Transactional

4. Use People Also Ask

People Also Ask एक feature है गूगल सर्च रिजल्ट में जो की related questions दिखाता है आपके सर्च queries के अनुसार। 

ये बहुत ही हेल्पफुल होता है long tail keywords find करने में।

People also ask to find keywords for your content

आप इन questions को अपने कंटेंट में प्लेस करके अपने कंटेंट को और ज्यादा relevant और organic traffic लाने में हेल्प करता है। 

आपको अगर कोई questions ऐसा लगे की आपके existing कंटेंट में फिट नहीं हो रहा है तो नई ब्लॉग पोस्ट बनाये।

5. Google Autocomplete

Google Autocomplete आपको suggestions देता है जब भी आप गूगल सर्च बॉक्स में query लिखते है। 

ये query आपके query के related होता है और इससे ये भी पता लगता है की और लोग क्या सर्च कर रहे है। 

Eg: जब भी आप सर्च बॉक्स में “Sports Shoes” लिखते है तो आपको related queries दिखाता है जैसे “Sports shoes for men”, “Sports shoes for women”, “Sports shoes for boys”, “Sports shoes for girls” etc.

Use Google Autocomplete feature to find new keywords

आप जैसे जैसे query टाइप करेंगे वैसे वैसे आपको suggestions अलग-अलग मिलता रहेगा। 

आप Autocomplete टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके additional keywords निकाल सकते है जिनके ऊपर आप कंटेंट बना सकते है अगर आपने अभी तक नहीं बनाया है तो।

Related Searches भी गूगल का बहुत ही शानदार फीचर्स है People also Ask और Autocomplete के जैसा। 

ये भी आपको नए कीवर्ड ideas देता है। ये फीचर आप गूगल सर्च में bottom पे मिलता है जब भी आप कोई query सर्च करते है।

Use Related Searches feature to find keywords for your content

Trending topic आपके Niche में आपकी वेबसाइट ट्रैफिक में boost दे सकता है। 

ये टॉपिक भले ही evergreen न हो लेकिन आपकी वेबसाइट पर instant relevant ट्रैफिक लाने में बहुत मदद करता है। 

इन कीवर्ड्स को रैंक कराना थोड़ा आसान होता है क्यूंकि इनका competition कम होता है। 

आइये जानते है की आप Google Trends की मदद से कैसे कीवर्ड find कर सकते है। 

पहले गूगल ट्रेंड्स की वेबसाइट पर जाए और अपना वेबसाइट Niche को सर्च बॉक्स में इंटर कर explore button पर क्लिक करें।

Google Trends

टाइम फ्रेम को past 30 days करे और फिर निचे स्क्रॉल डाउन करके “Related Topics” और “Related Queries” को देखे। 

हर एक टॉपिक के आगे आप percentage देखेंगे इससे उस टॉपिक की ट्रेंड पता चलता है। अगर किसी topic/query के आगे Breakout लिखा है तो इसका मतलब है की वो टॉपिक 5000% से ज्यादा grow कर चूका है, मैं recommend करूँगा की इन कीवर्ड्स पे कंटेंट न बनाये क्यूंकि कम्पटीशन होगा। 

आप इन हर एक कीवर्ड पर क्लिक करके आप अपने वेबसाइट और ऑडियंस के लिए नए कीवर्ड निकाल कर कंटेंट स्ट्रेटेजी बना सकते है।

Conclusion:

मैंने इस पोस्ट में 7 नए तरीके है जिसके जरिये आप नए कीवर्ड ढूंढ सकते है अपने वेबसाइट के लिए और organic traffic को बूस्ट कर सकते है। 

आशा करता हूँ की आप लोगो को यह पोस्ट काफी मदद करेगा नए कीवर्ड opportunity ढूंढने में।

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Keyword Intent क्या है और Keyword को यूजर की जरूरतों के साथ कैसे Align करें? https://blogginginhindi.com/keyword-intent-in-hindi/?utm_source=rss&utm_medium=rss&utm_campaign=keyword-intent-in-hindi https://blogginginhindi.com/keyword-intent-in-hindi/#respond Sat, 10 Aug 2024 03:10:59 +0000 https://blogginginhindi.com/?p=549 अगर आप Digital Marketing में अपना carrer बनाना चाहते है तो आपको सर्च इंजन के हर एक अपडेट पर नज़र रखना होगा और आपको समझना होगा की सर्च इंजन जैसे Google, Bing etc. कैसे काम करते है | अब सर्च इंजन keyword intent के ऊपर रिजल्ट दिखाता है। लेकिन क्या आप जानते है की Keyword ... Read more

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अगर आप Digital Marketing में अपना carrer बनाना चाहते है तो आपको सर्च इंजन के हर एक अपडेट पर नज़र रखना होगा और आपको समझना होगा की सर्च इंजन जैसे Google, Bing etc. कैसे काम करते है |

अब सर्च इंजन keyword intent के ऊपर रिजल्ट दिखाता है। लेकिन क्या आप जानते है की Keyword intent किसे कहते है।

Keyword Intent क्या होता हैं? What is Keyword Intent in Hindi?

Keyword Intent को ही search intent भी कहते है। 

Keyword Intent का मतलब होता है की सर्च इंजन पे searchers जो query लिखते है उनका मकसद क्या है यानि वो क्या ढूंढने की कोशिश कर रहे है। 

आइये उदहारण के जरिये समझते है 

मान लीजिये की आपने query डाली “Buy Turmeric Powder” तो इस कीवर्ड के पीछे का इंटेंट है की आप purchase करना चाहते है। 

लेकिन अगर आपने सिर्फ “Turmeric Powder” सर्च करते है तो इसका intent clear नहीं है की आप purchase करना चाहते है इसीलिए आपको informational कंटेंट भी टॉप 10 सर्च में देखने को मिल जायेगा। 

Google का goal है की यूजर को उनके query के अनुसार जितना सटीक आंसर provide कर सके वो करे।  इसीलिए अगर आपका कंटेंट keyword intent के मुताबिक optimize है तो ज्यादा chances है गूगल टॉप 10 में रैंक करने का।

Keyword Intent को समझना क्यों इतना important हो जाता है SEO में?

आपको पता होगा की गूगल पे वही वेबसाइट टॉप 10 में रैंक करता है जिनका कंटेंट यूजर search query का सटीक आंसर देता है। 

Google सर्च रिजल्ट दिखाने के लिए कीवर्ड इंटेंट को तबज्जो देता है की गूगल सर्च रिजल्ट में क्या दिखेगा किस सर्च क्वेरी पे ताकि searcher को बेस्ट आंसर मिल सके। 

आइये ऊपर दिए उदहारण को लेकर हमलोग बिस्तार से समझते है 

जब भी आप सर्च करेंगे “Buy Turmeric Powder” तो गूगल आपका सर्च इंटेंट purchase करने का है ये समझ कर आपको रिजल्ट दिखायेगा। 

Keyword Intent Example

और अगर कोई सिर्फ “Turmeric Powder” सर्च कर रहा है तो उसका इंटेंट दोनों हो सकता है buy करने का भी और information के लिए भी तो आपको कुछ इस तरह का सर्च रिजल्ट दिखेगा।

Keyword intent example

Types of Keyword Intent in Hindi?

आशा करता हूँ की आप लोगों को अभी तक यह समझ में आ गया होगा की keyword intent क्या होता है और ये SEO में इतना important क्यों है। 

अब आइये ये समझते है की keyword intent कितने प्रकार के होते है। 

Keyword intent mainly 4 प्रकार के होते है। 

i) Navigational Keyword Intent 

ii) Informational Keyword Intent 

iii) Commercial keyword Intent 

iv) Transactional Keyword Intent

जब कोई searcher specific पेज या वेबसाइट ढूंढने के लिए जो कीवर्ड का इस्तेमाल करते है उसे navigational keyword intent कहते है। 

जैसे : 1. Amazon contact us 

2. Amazon Return Policy 

3. Facebook login 

नेविगेशनल कीवर्ड आपको हमेशा ब्रांड नाम से related दिखेगा। इन कीवर्ड से गूगल पे रैंक करना बहुत ही आसान होता है।

Informational Keyword Intent

जब कोई searcher कुछ जानने के लिए या कुछ सिखने के लिए कीवर्ड सर्च करता है तो उस कीवर्ड को informational keyword intent कहते है। 

ये keywords आपको question के form में दिखेगा जैसे 

Red fort कहाँ हैं?

आधार कार्ड में ऑनलाइन address अपडेट कैसे करें?

आपको Informational keyword generally निचे दिए word से स्टार्ट होता दिखेगा:

What is 

How to 

Where is 

सिर्फ इन्ही word से informational कीवर्ड स्टार्ट हो ऐसा नहीं है। आप जिस कीवर्ड के जरिये कुछ information लेना चाहते है उसे इन्फॉर्मेशनल कीवर्ड कहते है जैसे 

idli dosa receipe 

Canada Time Now 

Informational content सबसे बेस्ट कंटेंट होता है किसी भी वेबसाइट के लिए क्यूंकि ये आपकी वेबसाइट की authority बढ़ाता है, यूजर engagement बढ़ाता है और धीरे धीरे करके आपके targeted audience के लिए आपका वेबसाइट trustworthy source बन जाएगा। 

जितना अच्छा और अपडेटेड इनफार्मेशन अपने कंटेंट में आप देंगे लोग उतना ही engage होंगे और आपकी वेबसाइट पर repeat यूजर भी। 

एक बार trust बन गया तो आप उनके requirement के अनुसार कोई भी product सेल करेंगे तो वह बिकेगा।

Commercial Keyword Intent

लोग जब कुछ भी purchase करने से पहले जो रिसर्च करने के लिए कीवर्ड से सर्च करते है उसे Commercial keyword intent कहते है। 

उदहारण: i) Ahref Keyword Tool Vs Semrush keyword tool 

ii) Semrush Reviews 

iii) Best Whatsapp solution for bulk messaging 

iv) Custom Anniversary Cakes

v) Best Sports Shoes

Semrush के अनुसार, आप commercial keyword में generally निचे दिए words को पायेंगे:

i) Vs 

ii) Alternatives

iii) Reviews 

iv) Comparison 

v) Best 

Commercial keywords बहुत ही high-intent keywords होता है। इसका मतलब है की इस keywords को जो यूजर सर्च करता है वो purchase कर सकता है।

Transactional Keyword Intent

जब लोग purchase करने के लिए ready हो और उसके लिए जो भी keyword का इस्तेमाल करें उसे transactional keyword कहते है जैसे:

i) Paytm Promo Code for Electricity Bill Payment 

ii) South Indian Restaurant Near me 

iii) Book Swift Test Drive 

Transactional Keywords को टारगेट करने के लिए आप निचे दिए कंटेंट पेज बना सकते है। 

i) Subscription or Signup Page 

ii) Deals and Coupon Page 

iii) Products/services page

iv) Free Trial Page 

Transactional keywords हमेशा conversion लाता है वेबसाइट पर। Conversion सिर्फ सेल्स नहीं होता बल्कि conversion का मतलब होता है की कोई भी एक्शन जैसे newsletter subscription, free trial इत्यादि। 

Transactional keywords का इस्तेमाल सबसे ज्यादा PPC strategies में इस्तेमाल किया जाता है।

Right कीवर्ड कैसे find करे अपने कंटेंट के लिए? How to find right keyword to target for your content?

Keyword find करने के बहुत से तरीके होते है जैसे competitors analysis, search auto complete इत्यादि। 

Targeted keywords को manually find करना time taking task है और tough भी इसीलिए बेस्ट कीवर्ड रिसर्च टूल का इस्तेमाल करें और बेस्ट targeted कीवर्ड मिनटों में निकाले। 

मैं semrush keyword tool का इस्तेमाल करता हूँ। 

मुझे इस कीवर्ड टूल में अच्छी बात ये लगती है की आप search intent के हिसाब से कीवर्ड filter कर सकते है और अपने कंटेंट के लिए बेस्ट कीवर्ड find कर सकते है। 

आइये जानते है की आप कैसे Semrush keyword magic tool का इस्तेमाल कर सकते है। 

i) सबसे पहले आप keyword magic tool open करें और उसमे कीवर्ड डाल कर search बटन पर क्लिक करें। 

नोट: अगर आपके पास paid version नहीं है तो आपको ये लिमिटेड कीवर्ड दिखायेगा। आपको पुरे keywords डाउनलोड करने के लिए paid version लेने की जरुरत नहीं हैं। 

आप 7 दिन का फ्री ट्रायल ले सकते हैं और उसके बाद आपको अगर लगता है की ये टूल अच्छा है तो आप इसे purchase कर लीजियेगा।

Semrush Keyword Magic Tool

ii) जैसे ही आप सर्च बटन पर क्लिक करते है आपके सामने सारे कीवर्ड्स का लिस्ट आ जाएगा उसके बाद आपको “intent” filter पर क्लिक करना है। 

फिर एक drop-down खुलेगा, उसमे से आपको “informational” को select करना है और फिर “Apply” बटन पर क्लिक करे।

select intent filter for keywords

iii) फिर आपको keywords list मिल जाएगा जिसका इस्तेमाल करके आप informational content बना सकते है।

informational keyword intent

यह टूल आपका time save करेगा और SEO स्ट्रेटेजी बनाने में हेल्प भी करेगा। 

Conclusion

इस ब्लॉग पोस्ट में आपने सीखा की keyword intent किसे कहते है, यह कितने प्रकार के होते है, कंटेंट बनाते वक़्त intent क्यों जरुरी है और user intent के हिसाब से आप अपने कंटेंट के लिए कीवर्ड कैसे find कर सकते है। 

आशा करता हूँ की आपको इस पोस्ट के जरिये keyword intent से related सारे questions के answers मिल गए होंगे। 

अगर फिर भी कोई सवाल रह गया है तो कमेंट जरूर करें।

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अपने कंटेंट के लिए Related Keywords कैसे find करे और कैसे इस्तेमाल करें? https://blogginginhindi.com/how-to-find-related-keywords-for-your-content-in-hindi/?utm_source=rss&utm_medium=rss&utm_campaign=how-to-find-related-keywords-for-your-content-in-hindi https://blogginginhindi.com/how-to-find-related-keywords-for-your-content-in-hindi/#respond Tue, 11 Jun 2024 02:14:44 +0000 https://blogginginhindi.com/?p=536 Related Keywords उस words या phrase को कहते है जो आपके topic कंटेंट से closely related हो।  इन कीवर्ड्स का इस्तेमाल करके आप अपने कंटेंट को बेहतर ढंग से सर्च इंजन को समझने में मदद कर सकते है।  इसका मतलब ये हुआ की आप बहुत अच्छा सर्च रैंकिंग्स पा सकते है अगर आपने रिलेटेड कीवर्ड्स ... Read more

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Related Keywords उस words या phrase को कहते है जो आपके topic कंटेंट से closely related हो। 

इन कीवर्ड्स का इस्तेमाल करके आप अपने कंटेंट को बेहतर ढंग से सर्च इंजन को समझने में मदद कर सकते है। 

इसका मतलब ये हुआ की आप बहुत अच्छा सर्च रैंकिंग्स पा सकते है अगर आपने रिलेटेड कीवर्ड्स को बेहतर ढंग से अपने कंटेंट में इस्तेमाल कर सर्च इंजन के लिए ऑप्टिमाइज़ कर सकते हैं।

निचे मैंने बहुत सारे तरीके बताये है related keywords ढूंढने के। आप इनको फॉलो करके अपने कंटेंट को बेहतर ऑप्टिमाइज़ कर सकते है। 

रिलेटेड कीवर्ड्स निकालने का सबसे आसान तरीका है की आप कीवर्ड रिसर्च टूल का इस्तेमाल करें जैसे Semrush Keyword Magic Tool. 

ये आपको primary keyword के साथ-साथ secondary कीवर्ड भी ढूंढने में मदद करता है आपके कंटेंट के लिए। 

आइये उदहारण से समझते है, मान लीजिये आपका फोकस कीवर्ड है “How to Loose Weight” और इसपे आप कंटेंट बनाना चाहते है तो semrush Keyword Magic Tool पे जाइये।

Source: Semrush

Primary कीवर्ड डालने के बाद सर्च बटन पर क्लिक कीजिये उसके बाद “All Keyword Tab” पर क्लिक कीजिये।

यहाँ आपको potential रिलेटेड कीवर्ड दिखेगा आपके प्राइमरी कीवर्ड से मिलता जुलता जैसे 

  • How to loose weight fast
  • Loose weight fast
  • Best way to loose weight

हर एक कीवर्ड के आगे आपको search volume और keyword difficulty दिखेगा।  आपको इनमे से हाई सर्च वॉल्यूम और low कीवर्ड डिफीकल्टी को choose करना है और फिर high quality content उन keywords के ऊपर बनाना है।

उसके बाद ही आप ON page activities और off page activities इन कंटेंट के लिए कर पाएंगे। 
किसी वेबसाइट की popularity उसके domain authority पे depend करता है और डोमेन अथॉरिटी बढ़ाने के लिए आपको बहुत सारे quality backlinks बनाने पड़ेंगे।

आपके competitors किन-किन keywords से रैंक कर रहे है अगर ये पता चल जाए तो आप उन keywords के ऊपर बेहतर कंटेंट बना कर रैंक कर सकते है और ये बहुत ही जबरदस्त तरीका है कीवर्ड find करने का। 

इस काम को करने के लिए मैं semrush का organic research tool का इस्तेमाल करता हूँ और मैं recommend भी करूँगा की आप भी इस्तेमाल करें। 

आइये जानते है की आप कैसे इस टूल का बेहतर इस्तेमाल कर सकते हैं। 

सबसे पहले आपको एक primary कीवर्ड से गूगल पे सर्च करके आपको टॉप 10 रिजल्ट्स के URL का एक लिस्ट बना लीजिये। 

फिर आपको एक URL को organic research tool में डालना है फिर country select करना है उसके बाद सर्च बटन पर क्लिक करना है।

उसके बाद आपको exact URL को चुनना है और सर्च बटन पर क्लिक करना है।

उसके बाद आपको ये टूल वो सारे keywords दे देगा जिससे आपका competitor रैंक कर रहा है। आपको Organic tab पर क्लिक करना है और फिर आपको निचे ब्लू कलर में View all keywords का बटन दिखेगा उस पर क्लिक करे और डाउनलोड कर लें।

इन सारे keywords में से आपको secondary keywords identify करना होगा और एक लिस्ट बनाना होगा। फिर आपको इन्ही keywords को cluster करके कंटेंट बनाइये।

गूगल सर्च कंसोल की मदद से आप रिलेटेड कीवर्ड्स निकाल सकते है existing url का। 

इस काम को करने के लिए आप निचे दिए steps को फॉलो करके potential keyword निकाल सकते है। 

i) गूगल सर्च कंसोल में लॉगिन करें 

नोट: अगर आपने गूगल सर्च कंसोल में अपना वेबसाइट सेटअप नहीं किया है और आपको नहीं पता की कैसे करें तो यहाँ क्लिक करके जान सकते है। 

ii) उसके बाद “Performance” टैब पे क्लिक करें।

iii) फिर +New पर क्लिक करके पेज ऑप्शन choose करें

iv) फिर आपके सामने एक popup खुलेगा जिसमे आपको dropdown में “Exact URL” select करना है और फिर बॉक्स में उस URL को paste करना है जिसका कीवर्ड आपको चाहिए।

Autocomplete गूगल का एक ऐसा फीचर है जो predict करता है सर्च जब भी आप सर्च बार में टाइप करते है। 

ये सारे suggestions related keywords होता है। 

आइये उदहारण से समझते है 

अगर आप गूगल के सर्च बॉक्स में टाइप करते है “How to loose weight” तो आप इस  तरह दिखेगा

यह बहुत ही अच्छा कीवर्ड आईडिया देता  है जिसको हम अपने कंटेंट में add कर सकते है क्यूंकि इन keywords से बहुत सारे लोग सर्च करते है इसलिए ये recommendation देता है। 

आप गूगल का एक और फीचर का इस्तेमाल कर सकते है जिसे “Related Searches” कहते है। 

जब भी आप गूगल पे कीवर्ड सर्च करते है तो bottom में “Related Searches” का फीचर दिख जायेगा।

Related Keywords गूगल सर्च इंजन को हेल्प करता है कंटेंट को बेहतर समझने में। 

जब भी कोई गूगल पे सर्च query डालते है तो गूगल most relevant कंटेंट ढूंढता है जिसमे relevant कीवर्ड का बहुत ही बड़ा रोल होता है। 

यह एक गूगल में मेन रैंकिंग फैक्टर्स भी है। इसीलिए अगर कोई कंटेंट बिना रिलेटेड कीवर्ड के published है तो गूगल इसे रैंक नहीं कर रहा होगा क्यूंकि गूगल को लगता है की आपका कंटेंट यूजर इंटेंट के मुताबिक नहीं है। 

इसीलिए related keyword को अपने कंटेंट में इस तरह से फिट कीजिये की वो natural लगे। 

2. Topic cluster बनाइये

आपने अगर related keywords का लिस्ट बना लिया है तो आपको strategically कंटेंट बनाना होगा इन keywords का इस्तेमाल करके और फिर इन सब articles को एक दूसरे से interlinked कर दीजिये। ये सर्च इंजन को हेल्प करेगा आपके वेबसाइट structure को समझने में। 

आइये समझते है की कंटेंट कैसे बनाये इतने keywords से, उसके लिए आपको 3 component को समझना होगा। 

i) “Pillar content” जो की आपका मेन टॉपिक होगा जिसमे आप मेन कीवर्ड और relevant keyword दोनों होंगे। 

ii) “Cluster content” जो आपके related keyword के ऊपर और depth में होगा। 

iii) उसके बाद इन सारे pages को एक दूसरे से interlink कर दीजिये

Conclusion:

इस पोस्ट में आपने जाना की रिलेटेड कीवर्ड किसे कहते है, इनको find कैसे करें और इसका इस्तेमाल अपने कंटेंट में कैसे करें। 

आशा करता हूँ की आपको रिलेटेड कीवर्ड के बारे में अब समझ आ गया होगा और अगर फिर भी कोई सवाल आपको लगता है की इस पोस्ट में कवर नहीं किया है तो कमेंट जरूर करें।

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अगर आप Digital marketing में रूचि रखते है तो आपने सुना ही होगा की वेबसाइट पे organic traffic लाने के लिए keywords बहुत ही अहम् रोल अदा करता है लेकिन क्या आपको पता है की Keywords क्या होता है?

अगर नहीं तो इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़े। इस पोस्ट में आप जानेंगे की keywords क्या होता है, SEO में Keywords क्यों important होता है, अपने वेबसाइट कंटेंट के लिए keywords कैसे find करें।

Keywords क्या होता है? What are Keywords in Hindi

कोई भी सर्च इंजन जैसे Google, Yahoo, Bing पर अपने सवालों का उत्तर ढूंढने के लिए जो भी term या phrase का इस्तेमाल करते है उसे Keywords कहते हैं। 

आइये आपको उदहारणों से समझाता हूँ, मान लीजिये आपको laptop charger या battery online खरीदना है तो आप हमेशा ब्रांड नाम के साथ ही कीवर्ड सर्च बॉक्स में लिखेंगे जैसे “Dell Laptop Charger” या  “Dell Laptop battery” मगर इन phrase से तो सर्च इंजन आपको सारे model के लैपटॉप चार्जर और लैपटॉप बैटरी दिखा देगा और इनमे से आपको अपने लैपटॉप के मॉडल के अनुसार सर्च करके आर्डर करने पड़ेंगे ये तो बड़ा tedious task हो जाएगा। 

लेकिन अगर आप “Dell Laptop Vostro 2520 battery” सर्च करते है तो आपको सिर्फ इसी मॉडल का इनफार्मेशन मिलेगा। 

इससे यह समझ आता है की आपको अपने कंटेंट के लिए keyword research करना कितना जरुरी है। 

अगर आपने सही keywords का इस्तेमाल अपने कंटेंट में नहीं किया तो आप अपनी वेबसाइट कंटेंट को गूगल सर्च रैंकिंग में नहीं ला पायेंगे।

Keywords क्यों important होता है किसी भी वेबसाइट कंटेंट के लिए?

अभी तक आपको समझ आ गया होगा की keywords क्या होता है। आइये अब इसके importance को समझते है। 

सर्च इंजन हमेशा यूजर query के मुताबिक relevant content को ढूंढता है इसीलिए जब भी आप keywords का इस्तेमाल करते है अपने कंटेंट में तो ये सर्च इंजन को हेल्प करता है आपके कंटेंट को सर्च रिजल्ट में दिखाने में। 

अब सबसे बड़ा सवाल आपके मन में उठ रहा होगा की अपने कंटेंट के लिए relevant keyword कैसे ढूंढे। 

अब मैं आपके इसी सवाल का जवाब निचे देने जा रहा हूँ

अपने वेबसाइट कंटेंट के लिए keywords कैसे ढूंढे? How to find Keywords

Keywords ढूंढने का सबसे आसान तरीका है की आप एक यूजर की तरह सोचिये की आपको अगर ये कंटेंट ढूंढने होते तो आप क्या keywords का इस्तेमाल करते। 

उसके बाद आप अपने competitors की वेबसाइट कंटेंट को देखिये की उनलोगों ने क्या keywords का इस्तेमाल किया है और इसको जानने के लिए keyword research tool available है जैसे semrush, ahref, ubersuggest इत्यादि। 

इन keyword tools का इस्तेमाल करके न केवल competitors के keywords का पता लगा सकते है बल्कि नए keywords भी ढूंढ सकते है और अपना बहुत सारा समय बचा सकते है। 

आपको बता दूँ की मैं 3 keywords tool का इस्तेमाल करता हूँ अपने कंटेंट कीवर्ड रिसर्च के लिए:

  1. Semrush keyword magic tool
  2. Ahref keyword tool 
  3. Ubersuggest 

ये तीनों आपके काम को आसान बना देंगे। 

कभी भी keyword रिसर्च के पहले अपने कंटेंट के बारे में जानना बहुत ही जरुरी है क्यूंकि अगर आपको ये पता नहीं है की किस बारे में कंटेंट लिखना है और आपका कंटेंट कौन पढ़ने वाला (audience) है तो आप सही कीवर्ड कभी नहीं निकाल पाएंगे। 

इस चीज़ को समझने के लिए आपको निचे दिए 4 तरह के keywords के बारे में जानना बहुत जरुरी है। 

  1. Informational keyword: इसके नाम से ही आपलोगों को समझ में आ गया होगा की जब कोई यूजर किसी information को ढूंढने के लिए जो phrase का इस्तेमाल करता है उसे informational keyword कहते है। 

Example: SBI PO Exam Date, SBI PO Result 

  1. Navigational Keyword: जब भी कोई यूजर किसी specific page या वेबसाइट को ढूंढने के लिए जो phrase का इस्तेमाल करता है उसे navigational keyword कहते है। Example: Amazon Privacy Policy
  1. Commercial Keyword: जब भी यूजर कोई ब्रांड या specific प्रोडक्ट को ढूंढने के लिए जो phrase का इस्तेमाल करता है उसे commercial keyword कहते है। 
  2. Transactional Keyword: जब कोई यूजर किसी प्रोडक्ट को purchase करने के लिए जो phrase का इस्तेमाल करता है उसे transactional keyword कहते है। 

ऊपर दिए 4 types के keywords के आधार पर ही आपको अपना कंटेंट बनाना चाहिए।

Keywords को अपने कंटेंट में कैसे इस्तेमाल करें? How to use keywords in your content

अब आप जानेंगे की keywords को वेबसाइट में कैसे और कहा इस्तेमाल करना है ताकि आपकी कंटेंट सर्च रिजल्ट में ऊपर दिखे और ज्यादा से ज्यादा organic traffic generate कर सके। 

1. Keyword Clusturing करें

Keyword Clusturing एक प्रोसेस है जिसमे same search intent वाले keywords का ग्रुप बनाते है और वही keywords का इस्तेमाल अपने कंटेंट में करते हैं। 

यह एक बहुत ही अच्छा तरीका है कंटेंट बनाने का क्यूंकि इसमें आप same search intent वाले keywords का इस्तेमाल करके एक ही कंटेंट लिखते है इससे आप Keyword cannibalization से बच जाते है और सर्च इंजन को clear vision मिल जाता है की आपके कंटेंट को किन कीवर्डस से सर्च रिजल्ट में दिखाना है। 

2. Keyword Map बनाए

कीवर्ड मैप एक तरह का डॉक्यूमेंट होता है जिसमे आप हर एक कीवर्ड क्लस्टर को एक टारगेट URL के लिए assign करते है अपनी वेबसाइट के लिए। 

Target URL एक वेबसाइट पेज होता है जिसमे आप same search intent वाले keywords का इस्तेमाल करके कंटेंट लिखते है और सर्च इंजन के लिए optimize करते है। 

जब एक बार कीवर्ड मैप रेडी हो जाए तो फिर हमलोग ये decide करते है की हर एक कीवर्ड का search volume कितना है, इनका SEO difficulty score कितना है। 

इसके बाद आपको high search volume और low SEO difficulty score वाले कीवर्ड को primary कीवर्ड बनाना है। 

उसके बाद ON Page Technique का इस्तेमाल करके उस पेज को सर्च इंजन और वेबसाइट users दोनों के लिए optimize करते है। 

3. Keywords का इस्तेमाल अपने Title Tag और H1 Tag में करें

Search engine हमेशा पेज टाइटल और H1 टैग से समझता है की पेज किस बारे में है इसीलिए ये बहुत ही important हो जाता है की आप primary keyword को टाइटल और H1 टैग दोनों जगह रखे। 

बता दूँ की सर्च इंजन सिर्फ 60 character ही दिखाता है टाइटल में और 150 character description में इसलिए आप अपना primary कीवर्ड कोशिश करे की character limit में ही फिट हो जाए। 

नोट: कभी भी keywords unnaturally इस्तेमाल मत कीजियेगा नहीं तो गूगल penalize कर देगा, इसीको कीवर्ड stuffing कहते है। 

4. Primary Keyword का इस्तेमाल Meta Description में करें

Meta Description directly पेज रैंकिंग affect नहीं करता लेकिन यूजर को encourage जरूर करता है आपकी वेबसाइट पर क्लिक करने के लिए जब भी कोई गूगल सर्च पे आपके primary कीवर्ड से सर्च करता है तो। 

5. Primary Keyword का इस्तेमाल URL में करें

Page URL में अपने primary keyword का इस्तेमाल करें। ये सर्च इंजन और यूजर दोनों को हेल्प करता है आपके पेज को समझने में। 

6. Secondary Keywords का इस्तेमाल subheadings में जरूर करें

Subheadings के माध्यम से आप अपने कंटेंट को अलग-अलग सेक्शन में बाँट सकते है। 

इससे यूजर और सर्च इंजन दोनों को कंटेंट समझने में आसानी हो जाता है इसीलिए ये बेस्ट जगह होता है secondary keywords इस्तेमाल करने का।

Conclusion:

मैंने इस पोस्ट में कोशिश की है की आप लोगों को Keywords के बारे में सारी जानकारियां दूँ जैसे कीवर्ड क्या होता है, कीवर्ड रिसर्च क्यों जरुरी होता है वेबसाइट के लिए और इन कीवर्ड्स का इस्तेमाल अपने वेबसाइट कंटेंट में कैसे करें ताकि हमारी वेबसाइट सर्च रैंकिंग में ऊपर आये और organic traffic बढ़े। 

आशा करता हूँ की आपको keywords के बारे में सब कुछ समझ आ गया होगा। अगर फिर भी कोई सवाल आपके मन में है जो इस पोस्ट में कवर नहीं हुआ है तो प्लीज कमेंट जरूर करें।

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H1 Tag क्या है और इसका इस्तेमाल कैसे करें अपने वेबसाइट SEO को Improve करने के लिए? https://blogginginhindi.com/what-is-h1-tag/?utm_source=rss&utm_medium=rss&utm_campaign=what-is-h1-tag https://blogginginhindi.com/what-is-h1-tag/#respond Thu, 06 Jun 2024 01:57:31 +0000 https://blogginginhindi.com/?p=526 नमस्कार दोस्तों ! आज हमलोग जानेंगे H1 Tag के बारे में जो की एक बहुत ही अहम् हिस्सा होता है ON Page SEO में।  बहुत लोग H1 Tag का इस्तेमाल गलत तरीके से करते है जिसके कारण उनकी वेबसाइट सर्च रैंकिग में ऊपर नहीं आती।  अगर आप SEO में नए है तो इस ब्लॉग पोस्ट ... Read more

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नमस्कार दोस्तों ! आज हमलोग जानेंगे H1 Tag के बारे में जो की एक बहुत ही अहम् हिस्सा होता है ON Page SEO में। 

बहुत लोग H1 Tag का इस्तेमाल गलत तरीके से करते है जिसके कारण उनकी वेबसाइट सर्च रैंकिग में ऊपर नहीं आती। 

अगर आप SEO में नए है तो इस ब्लॉग पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़े क्यूंकि इस ब्लॉग में आप जानेंगे की H1 Tag क्या होता है, ये SEO में कैसे मदद करता है और इसका इस्तेमाल कैसे करे अपने वेबसाइट SEO में।

H1 Tag क्या है? What is H1 Tag in Hindi

H1 Tag एक तरह का HTML कोड है जिसका इस्तेमाल अपने कंटेंट में करते है ताकि यूजर और सर्च इंजन को यह बता सके की इस पेज या पोस्ट में कंटेंट किस बारे में है। 

SEO में H1 Tag का इस्तेमाल मेन टाइटल बनाने में होता है ताकि सर्च इंजन आसानी से आपके पेज कंटेंट को समझ सके और सर्च रैंकिंग में ऊपर ले आये। 

H1 Tag का सही तरीके से इस्तेमाल तभी कर पाएंगे जब आपने अपने कंटेंट के लिए सही keyword का चयन किया हो। 

इसके लिए आपको अपने topic के लिए best keyword ढूंढने होंगे और इस काम को करने के लिए बेस्ट तरीका है की आप keyword tool जैसे Ubersuggest, Semrush, Ahref का इस्तेमाल करे। 

H1 tag example:

H1 Tag आपके पोस्ट में इस्तेमाल हुआ है की नहीं कैसे चेक करें?

किसी भी वेब पेज का अगर H1 Tag चेक करना है तो आप निचे दिए किसी भी तरीको को अपना सकते है। 

1. Web Page के Source Code से 

किसी भी वेबपेज का सोर्स कोड देखने के लिए आप ctrl+u का इस्तेमाल करें या फिर वेबपेज पर right click करें और view page source चुने। 

इसके बाद एक नया टैब खुलेगा जिसमे आप CTRL+F करें और सर्च बॉक्स में H1 टाइप करें। 

2. आप browser extension का इस्तेमाल कर सकते है किसी भी वेबपेज का header tag चेक करने के लिए जैसे H-tag Chrome Extension

H1 Tag क्यों Important होता है SEO में?

1. H1 Tag सर्च इंजन को आपके पेज कंटेंट को समझने में मदद करता है। 

इसीलिए आपको अपने पेज के heading को descriptive लिखना चाहिए। 

जितना ज्यादा descriptive होगा उतना ही अच्छे से गूगल सर्च इंजन को आपके वेबपेज कंटेंट के बारे में समझ में आएगा और जब searcher query सर्च करेंगे आपके कंटेंट से related तो आपका पेज या पोस्ट उनको दिखायेगा। 

2. H1 Tag आपके वेबसाइट का CTR और average time duration दोनों को improve करने में मदद करता है। 

3. Header tag के इस्तेमाल से पोस्ट्स का यूजर experience बढ़ जाता हैं क्यूंकि जब भी आप H1, H2, H3, H4,H5 का इस्तेमाल करते है तो सर्च इंजन और यूजर दोनों को आपके कंटेंट structure को समझने में आसानी होती हैं।

H1 Tag का इस्तेमाल कैसे करें अपने वेबसाइट SEO को Improve करने के लिए?

1. हर एक वेबपेज पर एक ही H1 Tag होने चाहिए 

जब भी हम header टैग का इस्तेमाल करते है तो यूजर और सर्च इंजन दोनों को अपने पेज कंटेंट की hierarchy बताते हैं। 

जैसे H1 Tag headline के लिए इस्तेमाल करते है ताकि हमारे कंटेंट के बारे में सर्च इंजन और यूजर दोनों को idea लग पाए। 

H2 टैग हमलोग important subheadings के लिए इस्तेमाल करते है और H3 Tag का इस्तेमाल H2 के subheadings के लिए इस्तेमाल करते है (मतलब H2 Tag को support करने के लिए)

इसीलिए हर एक पेज का एक ही H1 Tag लिखा जाता है ताकि आपका कंटेंट किस बारे में है यह समझा जा सके। 

2. H1 Tag में targeted keyword का इस्तेमाल जरूर करें 

किसी भी कंटेंट को लिखने से पहले आपको कीवर्ड रिसर्च करनी पड़ेगी ताकि आपको potential keywords का idea लग पाए और उन keywords को अगर आप अपने कंटेंट के heading tags में इस्तेमाल करते है तो सर्च इंजन में रैंक होने के chances बढ़ जाते हैं। 

Primary keywords को हमेशा H1 Tag में रखना चाहिए। 

3. H1 Tag का limit 60 characters या उससे कम होने चाहिए 

H1 Tag जितना छोटा और कंटेंट clearity दे उतना अच्छा होता है। 

आपको बता दूँ की बेस्ट प्रैक्टिस होता है की H1 Tag और आपके वेबपेज का मेटा टाइटल दोनों के 60 या उससे कम characters होने चाहिए। 

ऐसा इसलिए की गूगल सर्च में कई बार H1 Tag show करता है और अगर आपके वेबपेज टाइटल या H1 Tag 60 characters से ज्यादा होता है तो गूगल सर्च रिजल्ट में पूरा नहीं दिखायेगा। 

4. किसी भी वेबपेज का H1 Tag और मेटा टाइटल टैग अलग नहीं होने चाहिए क्यूंकि ये सर्च इंजन को confuse करता है और सर्च रिजल्ट में नहीं दिखायेगा। 

5. Search intent के अनुसार अपने H1 Tag को ऑप्टिमाइज़ कीजिये 

search intent को आप user intent भी बोल सकते है। इसको समझना इसलिए जरुरी हो गया है ताकि हमलोग ये जान पाए की यूजर क्या सर्च करने की कोशिश कर रहा है अपने सर्च query में। 

H1 Tag यहाँ पर अहम् रोल play करता है और readers को तुरंत बताता है की आपके सर्च query का जवाब है इस पोस्ट में।

Conclusion:

आशा करता हूँ की आप लोग को यह समझ आ गया होगा की H1 Tag क्या है और इसका इस्तेमाल अपने वेबसाइट SEO के लिए कैसे करें। 

अगर आपके मन में कोई भी सवाल H1 Tag से जुड़ा हो जो मैंने इस पोस्ट में कवर नहीं किया है तो कमेंट जरूर करें। 

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Web Push Notifications क्या होता है, कैसे काम करता है और WordPress Blog पर Push Notification कैसे Enable करें https://blogginginhindi.com/what-is-web-push-notification-and-how-to-enable-for-wordpress-blog/?utm_source=rss&utm_medium=rss&utm_campaign=what-is-web-push-notification-and-how-to-enable-for-wordpress-blog https://blogginginhindi.com/what-is-web-push-notification-and-how-to-enable-for-wordpress-blog/#respond Mon, 01 Jan 2024 20:33:59 +0000 https://blogginginhindi.com/?p=332 Web Push Notifications: इंटरनेट और डिजिटल मीडिया वर्ल्ड में यूजर को engage करने के लिए बहुत से तरीके आ गए है इसमें वेब पुश नोटिफिकेशन्स (Web Push Notifications) एक बहुत ही महत्वपूर्ण टूल हैं। Web Push Notification एक तरह का टूल है जिसके द्वारा आप अपने users को नए आर्टिक्ल और नए services के बारे ... Read more

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Web Push Notifications: इंटरनेट और डिजिटल मीडिया वर्ल्ड में यूजर को engage करने के लिए बहुत से तरीके आ गए है इसमें वेब पुश नोटिफिकेशन्स (Web Push Notifications) एक बहुत ही महत्वपूर्ण टूल हैं।

Web Push Notification एक तरह का टूल है जिसके द्वारा आप अपने users को नए आर्टिक्ल और नए services के बारे में notify करते है। 

Web Push Notifications आजकल डिजिटल मार्केटिंग में एक महत्वपूर्ण उपकरण बन गए हैं। इन्हें सही तरीके से इस्तेमाल करके आप अपने वेबसाइट्स और मोबाइल ऐप्स के यूजर को नई जानकारी प्रदान कर सकते हैं, जिससे आप उनका अनुभव बेहतर बना सकते है। 

लेकिन क्या आपको पता है की  Web Push Notifications होता क्या है और ये काम कैसे करता है। अगर नहीं तो इस पोस्ट को अंत तक पढ़े। 

इस पोस्ट में आप जानेंगे की वेब पुश नोटिफिकेशन होता क्या है, कैसे काम करता है और अपने ब्लॉग में इस्तेमाल कैसे कर सकते है। 

Push Notification क्या है? What is Push Notification in Hindi?

Push Notification एक प्रकार टूल होता है जिसके द्वारा आप मैसेज या कोई भी अपडेट अपने mobile app और वेबसाइट यूजर को भेजते है। ये अपडेट सीधे आपके Mobile या desktop पर Pop Up होता है जो उन्हें अपडेट रखता है आपके वेबसाइट या App के बारे में बिना वेबसाइट पे visit किये। 

Push Notification अक्सर social media apps, ecommerce platform, न्यूज़ वेबसाइट, कंटेंट वेबसाइट इत्यादि में देखा जाता है। 

जब भी आप नया मैसेज या अपडेट भेजते है तो ये यूजर के device पर प्रदर्शित होता है और किसी भी महत्वपूर्ण जानकारी के बारे में जागरूक करता है।  

Web Push Notifications कैसे काम करता है?

Web Push Notifications का कामकाज बहुत सरल होता है। जब भी आप अपने वेबसाइट या मोबाइल ऐप से अपने subscribers को नई सूचना या अपडेट के बारे में सूचित करना चाहते है, तो वह यूजर से push notification भेजने की अनुमति प्राप्त करना होता है। जब यूज़र इसे स्वीकार करता है, तो वेबसाइट या ऐप एक स्वीच भेजता है जो messages को यूजर के डिवाइस पर भेजता है।

इस प्रक्रिया में, ब्राउज़र और वेबसाइट या मोबाइल ऐप के बीच एक टोकन की आवश्यकता होती है जो messages को डिलीवर करने में मदद करता है। यह टोकन users के डिवाइस और वेबसाइट या ऐप के बीच एक सुरक्षित संबंध स्थापित करता है। जब वेबसाइट या ऐप नई जानकारी या सूचना भेजते हैं, तो वह टोकन उपयोग करके messages को यूजर के डिवाइस पर पहुंचाते हैं।

Web Push Notification के प्रकार (Types of Web Push Notification)

1. Welcome Notification

इसमें जैसे ही वेबसाइट या ऐप खोलते है Push notification allow करने को कहता है जैसे ही आपने allow किया वैसे ही आपके पास welcome message आ जाता है। 

यह एक अच्छा opportunity होता है नए यूजर को अपने वेबसाइट पर engage करने का। जैसे ही आप welcoming message भेजते है तो यूजर को अच्छा लगता है और आपके गाइड के जरिये वो वेबसाइट को एक्स्प्लोर करेगा। इसमें आप next step में ऑफर दिखा सकते है या फिर कोई लेटेस्ट अपडेट बता सकते है। 

2. Category Notification

यह ज्यादातर आप ecommerce वेबसाइट पर पायेंगे। जब भी कोई यूजर वेबसाइट पर आता है और नोटिफिकेशन सब्सक्राइब करें और बिना किसी category और page को explore करें चला जाए तो उसे notification भेजते है केटेगरी के साथ ताकि यूजर वेबसाइट पर दोबारा आये। 

3. Product Notification

Product Notification तब भेजते है जब कोई यूजर प्रोडक्ट पेज पर visit करे और बिना कोई एक्शन लिए चला जाए तो एक retargeting message automate कर सकते है। 

यह ऑनलाइन सेल्स increase करने में मदद करता है। 

4. Cart Abandonment Notification

Cart Abandonment Notification तब भेजा जाता है जब कोई यूजर आपके वेबसाइट पर आये और प्रोडक्ट को “Add to Cart” में add करें और बिना purchase किये ही चला जाए। इस case में यूजर को उसके प्रोडक्ट के साथ मैसेज भेजते है की आप ये प्रोडक्ट purchase करना चाहते थे पर purchase नहीं किया है और साथ में ऑफर भेजे ताकि यूजर purchase complete करें। 

5. Post Purchase Notification

इस scenario में notification तब भेजते है जब customer ने purchase कर लिया हो। और इसको भेजते है कुछ देर बाद ताकि यूजर आपके नोटिफिकेशन पर एक्शन ले सके और अपना फीडबैक डाल सके। इससे आपके services और प्रोडक्ट्स दोनों के बारे में पता चलता है। 

6. Cross Sell Notification

Cross Sell Notification campaign बहोत ही effective होता है ecommerce business के लिए। 

इस तरह का campaign आपके previous कस्टमर को engage करता है और यूजर को product खरीदने के लिए प्रेरित करता है। इसमें उसी प्रोडक्ट और ब्रांड का क्रॉस सेल करना चाहिए जो customer ने पहले कभी उस प्रोडक्ट से मिलता जुलता कुछ ख़रीदा हो। 

7. Back to Stock Notification

Back to Stock announcement बहुत ही effective campaign होता है क्यूंकि बहुत से से लोग out of stock प्रोडक्ट जो की बहुत ही फेमस है उसके लिए इंतज़ार कर रहे होते है और जैसे ही आप ये notification भेजेंगे तो लोग उस प्रोडक्ट को purchase करने जरूर आयेंगे और आपके वेबसाइट पर सेल बढ़ जायेगा। 

8. Price Drop Notification

Price Drop Notification नाम से ही पता लग रहा है की इस तरह का notification अपने subscriber को तब भेजना चाहिए जब किसी प्रोडक्ट का प्राइस कम हुआ हो। 

इस तरह के कैंपेन भी बहुत अच्छे रिजल्ट देते है।

Web Push Notifications के फायदे

Web Push Notification के कई फ़ायदे है। 

  1. Web Push Notification यूजर बहुत जल्दी सब्सक्राइब कर लेते है, email notification के मुकाबले 
  2. Web Push Notification से आप मोबाइल users को भी टारगेट कर सकते है और इसके लिए मोबाइल ऐप की जरुरत नहीं है। 
  3. इसके द्वारा आप अपने यूजर को कोई भी अपडेट तुरंत भेज सकते है और engage कर सकते है चाहे यूजर ने आपकी वेबसाइट खोली हो या नहीं। 
  4. इसके माध्यम से आप users को retarget कर सकते है और ऑनलाइन सेल बढ़ा सकते है। 

Web Push Notification Vs App Push Notification

  • Web Push Notifications वेब ब्राउज़र्स और वेबसाइट्स के माध्यम से subscribers को मैसेज भेजते हैं वहीं App Push Notifications मोबाइल ऐप द्वारा subscribers को मैसेज भेजते हैं।
  • Web Push Notification वेबसाइट, मोबाइल और टैबलेट सभी पर दिखते है चाहे यूजर वेबसाइट खोले या न खोले वहीं App Push  notification सिर्फ मोबाइल या टैबलेट पर प्रदर्शित होते हैं और ये मैसेज आपके एप्लीकेशन के अंदर ही दिखेगा।  

WordPress Blog पर Push Notification कैसे Enable करें

अगर आपका ब्लॉग या वेबसाइट wordpress पे है तो आप निचे दिए Push Notification Plugins में से कोई भी एक अपने ब्लॉग के लिए इस्तेमाल कर सकते है। 

  1. WebPushr
  2. One Signal
  3. Push Engage

आइये अब जानते है की अपने WordPress Blog पर Push Notification कैसे install और configure करें :

  1. अपने ब्लॉग के admin को खोलिये और वहाँ Plugins पर क्लिक करें 

2. “Add New” बटन पर क्लिक करके सर्च बॉक्स में “Push Notification” लिखें और फिर आपको बहुत सारे ऑप्शन दिखेंगे 

3. Web Push Notification – WebPushr को “install Now” बटन पर क्लिक करके install करें 

4. इनस्टॉल होने के बाद “Activate” बटन पर क्लिक करें 

5. जैसे ही Activate पर क्लिक करेंगे तो webpushr इनस्टॉल हो जाएगा और आपसे डिटेल्स मांगेगा।  अगर आप पहले से रजिस्टर्ड यूजर है तो आपको API key डाल कर activate करना होगा अन्यथा आपको New Registration बटन पर क्लिक करके रजिस्टर करना होगा। 

6. जैसे ही आप New Registration पर क्लिक करेंगे तो आपके सामने रजिस्ट्रेशन का pop-up window खुलेगा जिसमे आपको अपना डिटेल्स जैसे Name, Email, Password डाल कर रजिस्टर करना होगा। 

7. रजिस्टर होते ही आपके सामने Configuration का window खुलेगा, जहाँ आप अपने पोस्ट नोटिफिकेशन को automate कर सकते है ताकि आप जैसे ही नई पोस्ट डाले आपके subscribers को पता लग जाये की आपने कुछ अपडेट भेजा है। 

आप manually भी कैंपेन भेज सकते है manual ऑप्शन choose करके। 

आप तीनों में से कोई सा भी plugin का इस्तेमाल कर सकते है। तीनों बहुत ही बेहतरीन पुश नोटिफिकेशन प्लगइन है। मैं recommend करता हूँ की आप WebPushr या Push engage का इस्तेमाल करें। 

निष्कर्ष:

Web Push Notifications आजकल डिजिटल मार्केटिंग में एक महत्वपूर्ण उपकरण बन गया हैं। इन्हें सही तरीके से इस्तेमाल करके आप अपने वेबसाइट्स और मोबाइल ऐप्स अपने users को नई जानकारी प्रदान कर सकते हैं, जिससे उनका अनुभव बेहतर हो सके और उन्हें जरुरी सूचनाएं प्राप्त हो सके। 

इससे आप आपके ब्लॉग पोस्ट को instant boost मिलता है और यूजर को लगातार engage कर पाएंगे। 

अगर आपको ये पोस्ट अच्छी लगी हो तो प्लीज इसे ज्यादा से ज्यादा लोगो को शेयर कीजिये ताकि वह भी इसका फ़ायदा उठा पाए।

Website की Indexing कैसे Improve करे
How to Improve Website CTR?
Bounce Rate को कम कैसे करें

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Plagiarism क्या होता है और Plagiarised Content कैसे चेक करें https://blogginginhindi.com/what-is-plagiarism-and-how-to-check-plagiarised-content/?utm_source=rss&utm_medium=rss&utm_campaign=what-is-plagiarism-and-how-to-check-plagiarised-content https://blogginginhindi.com/what-is-plagiarism-and-how-to-check-plagiarised-content/#respond Mon, 25 Dec 2023 04:32:38 +0000 https://blogginginhindi.com/?p=298 Plagiarism का हिंदी अर्थ है “साहित्यिक चोरी” यानी दूसरे के कंटेंट को अपने वेबसाइट में copy paste करना वो भी बिना उनके अनुमति लिए।  अगर आप एक ब्लॉगर है या आपकी कोई वेबसाइट है और आप इंटरनेट पर कंटेंट लिखने में रूचि रखते है तो plagiarism के बारे में जरूर जानना चाहिए।  इस पोस्ट में ... Read more

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Plagiarism का हिंदी अर्थ है “साहित्यिक चोरी” यानी दूसरे के कंटेंट को अपने वेबसाइट में copy paste करना वो भी बिना उनके अनुमति लिए। 

अगर आप एक ब्लॉगर है या आपकी कोई वेबसाइट है और आप इंटरनेट पर कंटेंट लिखने में रूचि रखते है तो plagiarism के बारे में जरूर जानना चाहिए। 

इस पोस्ट में आप जानेंगे की plagiarism क्या होता है, कितने प्रकार के होते है, इसका SEO में क्या impact पड़ता है और इसको चेक करने के लिए best free online plagiarism checker tool कौन से है। 

Plagiarism क्या है? What is Plagiarism in Hindi

Plagiarism: कोई भी कविता, निबंध, ब्लॉग, या किसी अन्य लेख की कॉपी या चोरी को plagiarism कहते हैं। जब कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति के शब्दों, विचारों, या क्रिएटिविटी को अपना बताता है बिना श्रेय दिए हुए, तो इसे plagiarism कहा जाता है।

आपने सुना होगा की “Content is King” और गूगल यूनिक कंटेंट को ज्यादा प्यार देता है और इसके कारण ही ब्लॉग सर्च रैंकिंग में दिखता है नहीं तो अगर आप दूसरे के कंटेंट को कॉपी कर रहे है तो आपकी क्रिएटिविटी कहा है और आपका कंटेंट औरों के कंटेंट से अलग कैसे है। ये सब सर्च इंजन चेक करता है तभी आपका ब्लॉग रैंक करता है।  

Duplicate कंटेंट आपके वेबसाइट को पेनल्टी भी दे सकते है जिसके बाद आपकी वेबसाइट या ब्लॉग सर्च रैंकिंग में नहीं दिखेगा। 

आइये plagiarism को उधारण से समझते है 

मान लीजिये की आपके स्कूल में essay competition हो रहा है और सारे बच्चों को एक ही topic पर लिखने है तो टीचर आपके creativity को देखना चाहते है लेकिन सारे बच्चों में से कुछ ऐसे भी बच्चे होते है जो एक दूसरे की नक़ल करते है और ऐसे में टीचर आपको competition से बाहर निकाल देती है ठीक उसी तरह इंटरनेट पर जब कोई कंटेंट की चोरी करता है तो गूगल उसे penalized करता है और सर्च रैंकिंग से बाहर कर देता है। 

Plagiarism के प्रकार (Types of Plagiarism)

Plagiarism 7 प्रकार के होते है। निचे दिए सातों प्रकारों को बिस्तार से समझते है। 

Complete Plagiarism

इस तरह का plagiarism तब होता है जब कोई writer दुसरे के काम को अपने नाम से submit करता है। 

दुसरे तरीके से समझे तो जब आप दुसरे के लिखे आर्टिकल को पूरा कॉपी करके अपने वेबसाइट पर publish करते है तो उसे Complete Plagiarism कहते है। 

उधारण:

आप ने कॉलेज में देखा होगा की जब कॉलेज में आपके कक्षा में project बनाने को मिलता है तो बहुत कम बच्चे होते है जो project को अपनी मेहनत से बनाता है लेकिन कई बच्चे ऐसे होते है जो उसी project को कॉपी करके submit कर देता है बिना अपना दिमाग लगाए, इसी को complete plagiarism कहते है।  

Direct Plagiarism

Direct Plagiarism भी complete plagiarism की तरह ही होता है बस इस दोनों में एक ही फर्क होता है की complete plagiarism में पूरा कंटेंट कॉपी होता है और direct plagiarism में बस कुछ लाइन या कोई specific section copied है बिना original author को क्रेडिट दिए। 

Paraphrasing Plagiarism

Paraphrasing Plagiarism आज कल कॉमन हो गया है बहुत से ब्लॉगर और कंटेंट क्रिएटर दुसरे की वेबसाइट का कंटेंट कॉपी करके quiltbot जैसे paraphrasing tool का इस्तेमाल करके कंटेंट लिखते है मगर उनको यह पता ही नहीं होता की गूगल इतना स्मार्ट सर्च इंजन है की वो पकड़ लेता है की आपने सिर्फ synonyms का इस्तेमाल करके कंटेंट को स्पिन किया है। 

Self Plagiarism

Self Plagiarism को आसान शब्दो में समझे तो Self मतलब खुद का और plagiarism मतलब copy. इससे यह समझ आता है की अपने ही original content को rewrite करके दुसरे जगह पोस्ट कर रहे है। 

इससे न सिर्फ आप कंटेंट को plagiarised करते है बल्कि आप अपने reputation भी ख़राब करते है। 

Patchwork Plagiarism

Patchwork Plagiarism वो plagiarism है जिसमे आप कुछ लाइन दुसरे वेबसाइट से लेते है और उसको rewrite करके अपने नाम से जोड़ देना। इसे Mosaic Plagiarism भी कहते है। 

Source Based Plagiarism

Source Based Plagiarism में कुछ important paraghaph copy करके अपने वेबसाइट पर दिखाते है और उसको क्रेडिट भी देते है मगर उसके original source को नहीं बल्कि secondry source को। 

Accidental Plagiarism

Accidental Plagiarism एक common plagiarism है जो की लोग गलती से कर देते है जैसे:

  1. Quote का इस्तेमाल करके भूल जाना अगर वो किसी और कंटेंट से कॉपी किया हो तो। 
  2. जब भी आप किसी और की बात को quote करते है अपनी वेबसाइट पे तो क्रेडिट देना भूल जाना। 

Plagiarism से कैसे बचे? How to Avoid Plagiarism

  1. कंटेंट अच्छे से रिसर्च करके लिखे और निचे दिए plagiarism tool की मदद से आप चेक कर सकते है की आपकी लिखी हुई कंटेंट copied तो नहीं है। 
  2. जब भी कोई quote को अपनी वेबसाइट में mention करे तो original source को क्रेडिट दे (source का नाम और link add करें)
  3. आप अपने कंटेंट को कॉपी होने से बचाए इसके लिए आपको DMCA का सहारा लेना पड़ेगा। 

Best Free Plagiarism Checker Tool Online

#1 SmallSeoTools

SmallSeoTools 100% free plagiarism tool है जो की आसानी से plagiarised content को detect करने में सक्षम है। 

इस टूल का इस्तेमाल करके आप अपने ब्लॉग के लिए लिखे आर्टिकल को आसानी से सर्च कर सकते है की वो plagiarised है की नहीं और अगर रिजल्ट 100% unique आता है तो आप उस कंटेंट को अपने ब्लॉग में इस्तेमाल करें अन्यथा जो भी कंटेंट को tool copied बता रहा होता है उसे rewrite करे और उसे unique बनाये। 

#2 Duplichecker

Duplichecker भी 100% free plagiarism tool है जो की duplicate कंटेंट को instant detect करने में आपकी मदद करता है और आपको plagiarised कंटेंट को ब्लॉग में इस्तेमाल करने से बचाता है। 

SmallSeoTools और Duplichecker दोनों में 1 limitation है की एक बार में आप free version में सिर्फ 1000 words ही चेक कर सकते है। 

अगर आपका कंटेंट का length 1000 words से ज्यादा है तो आप दो बार में चेक करे या फिर इसका paid version ले ले फिर इसमें आप कितना भी बड़ा कंटेंट को एक ही बार में चेक कर सकते है और अपना टाइम बचा सकते है। 

#3 Grammarly

Grammarly एक बहुत ही पॉपुलर फ्री टूल है grammar और plagiarism चेक करने के लिए। 

इसका इस्तेमाल आप बड़े आर्टिकल का भी आप एक बार में plagiarism चेक कर सकते है। 

अगर आप अपना कंटेंट Google docs या MS Word पे लिखते है तो आप grammar और plagiarism चेक करने के लिए Grammarly का chrome extension install करें। 

निष्कर्ष:

Plagiarism एक प्रकार की चोरी है जो इंटरनेट पर लोग कंटेंट के रूप में करते है। ये बहुत ही serious issue है अगर आप ऑनलाइन बिज़नेस कर रहे है या फिर अपने ब्लॉग पर ट्रैफिक generate करना चाह रहे है तो ये issue आपके बिज़नेस को कभी भी गूगल पर रैंक नहीं होगा। 

इसीलिए जब भी कंटेंट लिखे ऊपर दिए free online plagiarism tool की मदद ले और अपने कंटेंट को plagiarism से बचाये। 

आशा करता हूँ की आप Plagiarism के बारे में जान गए होंगे। अगर ये पोस्ट आपको पसंद आया हो तो प्लीज इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करे ताकि दुसरे लोग भी जान सके। 

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Broken Links क्या होता है और इसे fix कैसे करें https://blogginginhindi.com/what-is-broken-links-and-how-to-fix-it/?utm_source=rss&utm_medium=rss&utm_campaign=what-is-broken-links-and-how-to-fix-it https://blogginginhindi.com/what-is-broken-links-and-how-to-fix-it/#respond Mon, 25 Dec 2023 03:55:32 +0000 https://blogginginhindi.com/?p=295 आजकल इंटरनेट पर बहुत जानकारी मौजूद है लेकिन कई बार हमें browse करते वक़्त 404 error मिल जाता है मतलब कई link वेबसाइट पर काम नहीं करते जिससे हम उन जानकारियों तक पहुँच नहीं पाते।  लेकिन क्या आपको पता है की ये Broken Links क्या होता है, 404 error क्या है, ये किस कारण से ... Read more

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आजकल इंटरनेट पर बहुत जानकारी मौजूद है लेकिन कई बार हमें browse करते वक़्त 404 error मिल जाता है मतलब कई link वेबसाइट पर काम नहीं करते जिससे हम उन जानकारियों तक पहुँच नहीं पाते। 

लेकिन क्या आपको पता है की ये Broken Links क्या होता है, 404 error क्या है, ये किस कारण से बनता है। अगर नहीं तो इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़े। 

इसमें आप जानेंगे की broken links क्या है, ब्रोकन लिंक बनते क्यों है, इसे अपने वेबसाइट पर कैसे ढूंढे और इसको कैसे fix करे। 

जब किसी वेबपेज पर लिंक होता है जो किसी दुसरे पेज पर जाता है लेकिन वह पेज या वेब लिंक काम नहीं करता तो उसे ब्रोकन लिंक कहते है। 

दुसरे शब्दो में कहे तो broken link वो लिंक होता है जो वर्तमान समय में exist नहीं करता और जब भी कोई उस लिंक पर क्लिक करता है तो उसे 404 error page not found का error show होता है। 

Broken link को dead link भी कहते है। यह यूजर और सर्च इंजन दोनों के लिए नेगेटिव होता है। 

वेबसाइट पर ज्यादा ब्रोकन लिंक होने से यूजर trust खो सकते है और सर्च रैंकिंग से बाहर भी हो सकते है। 

आशा करता हूँ की आप अब समझ गए होंगे की ब्रोकन लिंक क्या होता है। लेकिन इनके बनने का कारण क्या है ये नहीं जानेंगे तो उसका समाधान कैसे निकालेंगे। 

आईये निचे जानते है इसके बनने का कारण क्या है : 

  1. अगर वेबसाइट ओनर ने पोस्ट या पेज को delete कर दिया हो 

यह बहुत ही आम कारण होता है किसी वेबसाइट पर ब्रोकन लिंक बनने का। जब भी वेबसाइट ओनर अपने वेबसाइट से कंटेंट remove कर देते है जिसका लिंक किसी दुसरे वेबसाइट पर लगा हो तो वो ओपन नहीं होगा और 404 not found error दिखाएगा।

  1. अगर आप URL Structure को बदलते है 

जब भी किसी कंटेंट का permalink यानि URL structure को बदलते है लेकिन जो पुराना link दुसरे वेबसाइट पर लगा है अगर उसपे कोई क्लिक करेगा तो 404 not found error दिखाएगा।

अभी तक आप समझ गए होंगे की ब्रोकन लिंक्स क्या है और इसके बनने का कारण क्या है। 

आइये अब जानते है की इसे fix कैसे करें। 

  1. 301 Redirect करके 

जब भी आप URL structure को बदलते है तो 301 redirection का इस्तेमाल जरूर करें अपने पुराने कंटेंट लिंक को नए लिंक पे redirect करे ताकि यूजर trust न घटे और 404 error के कारण bounce rate न बढ़े। 

  1. Deleted Content Page को दोबारा Create करके 

जो भी कंटेंट delete हो गया हो उसपे same कंटेंट बना कर उस ब्रोकन लिंक को fix कर सकते है। 

Broken Link को find करने का सबसे आसान तरीका है की आप online free broken link checker tool का इस्तेमाल करे। 

इसके मदद से आप आसानी से track कर पाते है की कौन सा लिंक ब्रोकन है और कौन सा broken नहीं है। 

WordPress वेबसाइट में broken लिंक को कैसे फिक्स कैसे करें 

WordPress में broken links को find करने के लिए Broken Link Checker Plugin का इस्तेमाल कर सकते है और जितने भी ब्रोकन लिंक आपके वेबसाइट पर बन रहा है उसका पता आसानी से लगा सकते है और फिर आप उन ब्रोकन लिंक्स को समान्तर पेज पर 301 redirect plugin का इस्तेमाल करके redirect कर सकते है। 

Disadvantages of Broken Links

SEO में broken links दुश्मन की तरह काम करता है। 

  1. यूजर को आपके वेबसाइट पर ट्रस्ट कम होता जाएगा 
  2. वेबसाइट पर bounce rate बढ़ जाता है 
  3. वेबसाइट की धीरे धीरे सर्च रैंकिंग भी डाउन हो जाता है 
  4. यूजर एक्सपीरियंस ख़राब होता है 

निष्कर्ष:

आज आपने इस पोस्ट की मदद से यह जाना की Broken Links क्या है, यह क्यों बनता है और इसे fix कैसे करते है। 

ब्रोकन लिंक आपके कंटेंट को कमजोर करता है और यूजर को आप मौका देते है दुसरे वेबसाइट को explore करने का। SEO का पहला वसूल है की वेबसाइट का user experience कैसे ठीक करें और यूजर को कितना अपने कंटेंट के साथ engage कर सकते है। 

आशा करता हूँ की आप इस आर्टिकल को पढ़ कर अपने वेबसाइट का ब्रोकन लिंक को चेक करेंगे और उसे resolve करेंगे। अगर आपको यह कंटेंट helpful लगा हो तो प्लीज अपने दोस्तों के साथ और सोशल मीडिया पर ज्यादा से ज्यादा शेयर करें। 

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SSL Certificate क्या होता है – Complete Information in Hindi https://blogginginhindi.com/ssl-certificate-kya-hai/?utm_source=rss&utm_medium=rss&utm_campaign=ssl-certificate-kya-hai https://blogginginhindi.com/ssl-certificate-kya-hai/#respond Mon, 25 Dec 2023 03:34:29 +0000 https://blogginginhindi.com/?p=289 SSL Certificate: आजकल इंटरनेट का इस्तेमाल हर छोटे से बड़े काम के लिए लोग इस्तेमाल करने लगे है। कोई भी information चाहिए या फिर shopping करना हो, हर चीज़ ऑनलाइन हो गया है लेकिन उतना ही fraud भी बढ़ गया है।  क्या आपने  कभी सोचा है की रोज जो भी वेबसाइट खोलते है वह कितना ... Read more

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SSL Certificate: आजकल इंटरनेट का इस्तेमाल हर छोटे से बड़े काम के लिए लोग इस्तेमाल करने लगे है। कोई भी information चाहिए या फिर shopping करना हो, हर चीज़ ऑनलाइन हो गया है लेकिन उतना ही fraud भी बढ़ गया है। 

क्या आपने  कभी सोचा है की रोज जो भी वेबसाइट खोलते है वह कितना सुरक्षित है? 

आप जानें अनजाने में अपना बैंक डिटेल्स तक वेबसाइट पर डालते है, वह कितना सुरक्षित है और इसका कोई गलत इस्तेमाल तो नहीं करेगा ? इस तरह के सारे सवालों का जवाब इस आर्टिकल में मिलेगा। 

आज हम इस पोस्ट में जानेंगे की SSL Certificate क्या होता है, कितने प्रकार के होते है और यह वेबसाइट SEO में कैसे मदद करता है। 

SSL Certificate क्या होता है? What is SSL Certificate in Hindi

SSL का full form “Secure Socket Layer” होता है। 

SSL Certificate एक डिजिटल सर्टिफिकेट होता है जो information को encrypt करता है जिससे हैकर्स या साइबर क्रिमिनल्स आपके इनफार्मेशन को चुरा न सके। 

यह certificate वेबसाइट और सर्वर के बिच secure connection बनाता है। जब भी हम किसी भी वेबसाइट पर जाते है तो हमारा डाटा जैसे नाम, फ़ोन नंबर या कोई पर्सनल इनफार्मेशन सुरक्षित होना जरुरी है। इसी सुरक्षा को बढ़ने के लिए SSL Certificate का उपयोग होता है। 

SSL Certificates Example

जब भी किसी online shopping वेबसाइट पर जाते है तो वहाँ पर URL के शुरुआत में अगर “https://” लिखा होता है तो उस वेबसाइट में SSL Certificate का इस्तेमाल हुआ है और ये शॉपिंग के लिए बिलकुल सुरक्षित है। 

SSL Certificates के प्रकार (Types of SSL Certificates)

SSL Certificates 3 प्रकार के होते है। आइये तीनों प्रकारो को बिस्तार से समझते है:

  1. Single Domain SSL Certificates: यह सिर्फ 1 डोमेन के लिए होता है। 
  2. Wildcard SSL Certificates: यह एक डोमेन और उसके subdomain के लिए होता है। 
  3. EV SSL Certificates: EV को extended validation SSL Certificates कहते है। इसमें बिज़नेस का नाम और वेबसाइट का address bar हरे रंग का दीखता है। यह एक उच्च सुरक्षा वाला SSL Certificates है जो अपने यूजर को ensure कराते है की वेबसाइट सुरक्षित है और आप अपने personal details जैसे क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड इत्यादि का इस्तेमाल कर सकते है।  

Http और Https में क्या अंतर है

HTTP (HyperText Transfer Protocol)HTTPS (HyperText Transfer Protocol Secure)
HTTP का पूरा नाम HyperText Transfer Protocol.HTTPS का पूरा नाम HyperText Transfer Protocol Secure.
HTTP में डाटा open form में भेजा जाता है, जिससे  hackers आसानी से पढ़ सकते है। .HTTPS mein data encrypted form mein bheja jata hai, jisse hackers usko padh nahi sakte hain.
इसमें URL के शुरुआत में “http://” होता है। .इसमें URL के शुरुआत में “https://” होता है। 
Security कम होती है, क्यूंकि डाटा को encrypt नहीं किया जाता है। इसमें strong security होती है, क्यूंकि डाटा को encrypt  किया जाता है।.
Sensitive information को ट्रांसफर करते वक़्त सुरक्षा नहीं देता। Sensitive information को ट्रांसफर करते वक़्त सुरक्षा प्रदान करता है।
इसमें padlock icon नहीं होता। इसमें padlock icon होता है, जो सुरक्षा का symbol है। 

SSL Certificate कहाँ से ख़रीदे

SSL Certificates आप कोई भी hosting service provider company से खरीद सकते है जैसे Godaddy, Bigrock, Namecheap इत्यादि 

यदि आपका वेबसाइट WordPress पे बना हो तो आपको SSL hosting company के तरफ से फ्री भी मिल सकता है आपको ये ऑफर अपने होस्टिंग प्रोवाइडर कंपनी से चेक कर लेना चाहिए। 

अगर आप hostinger से hosting खरीदते है तो आपको 1 साल के लिए domain और SSL lifetime के लिए फ्री मिल जाता है। 

निष्कर्ष:

इस पोस्ट के जरिये मैंने यह समझाया है की SSL Certificates क्या है और ये आपके बिज़नेस के लिए क्यों जरुरी है। 

मैं आपको यह सलाह दूंगा की जब भी आप online shopping करे तो वेबसाइट की SSL जरूर चेक करें। 

यह SEO के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण फैक्टर है क्यूंकि ये आपके यूजर का trust build करने में मदद करता है आपके वेबसाइट के प्रति। 

यदि आपको यह पोस्ट अच्छा लगे तो कमेंट करके जरूर बताइये और अपने दोस्तों के साथ और सोशल मीडिया पर जरूर शेयर करें।

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ज़्यादातर ब्लॉगर सिर्फ ON Page SEO और OFF Page SEO पर फोकस करते है जिसका रिजल्ट बहुत ही स्लो आता है। अगर आपको 2024 में वेबसाइट का SEO करना है तो Technical SEO पर focus करना होगा। 

लेकिन क्या आप जानते है Technical SEO क्या होता है? अगर नहीं तो कोई बात नहीं इस ब्लॉग पोस्ट में आप इसके बारे में सब कुछ जान जाएंगे जैसे Technical SEO क्या है और इसमें कौन से factors का ध्यान रखना होता है?

Technical SEO क्या है? What is Technical SEO in Hindi

Technical SEO सर्च इंजन रिजल्ट पेजेज में अपने वेबसाइट को रैंक करवाने के लिए टेक्निकल पहलुओं के सुधार के बारे में है। इसके अंतर्गत website speed, सर्च इंजन crawler website को कितनी आसानी से Index कर पा रहा है और आपकी वेबसाइट को समझ रहा है, ये technical optimization के pillar है। 

Technical SEO ON Page SEO का हिस्सा है जो की आपकी वेबसाइट को उच्च सर्च रैंकिंग प्राप्त करने में मदद करता है। 

यह  OFF Page SEO के एकदम बिपरित है जो की दुसरे चैनेलो के मदद से आपकी वेबसाइट को प्रमोट करता है। 

अपनी वेबसाइट को Technically क्यों Optimize करें

गूगल और अन्य सर्च इंजन अपने users को उनके queries के सटीक answer प्रदान करना चाहते है इसीलिए सर्च इंजन bots कई फैक्टर्स पर आपके वेब पेजेज को crawl और evaluate करता है। 

कुछ फैक्टर्स user experience पर आधारित है जैसे की page loading time और कुछ सर्च इंजन रोबोट्स को हेल्प करता है आपकी वेब पेज किस बारे में है ये समझने में जैसे Structured Data. 

जब आप technical चिझे ठीक करते है तो आप सर्च इंजन की मदद करते है की वेबसाइट को अच्छे से crawl करें और इसके बारे में समझे। 

अगर आपने इसको अच्छे से implement कर लिया तो आपके वेबसाइट को सर्च इंजन में टॉप पे रैंक करने से कोई नहीं रोक सकता।  

Technical SEO Checklist in Hindi

निचे दिए Technical SEO checklist के आधार पर आप अपने वेबसाइट को सर्च इंजन फ्रेंडली बना सकते है। 

Website Loading Speed

Website speed SEO में अहम् भूमिका निभाता है, अगर पेज लोडिंग स्पीड स्लो होता है तो वेबसाइट पर bounce rate बढ़ने का chances बढ़ जाता है और यूजर का trust loose होता है और इसका सीधा असर वेबसाइट की रैंकिंग पर पड़ता है। 

अपने WordPress ब्लॉग या वेबसाइट का स्पीड फ़ास्ट करने के लिए आप WP-Rocket plugin का इस्तेमाल कर सकते है। 

Install SSL Certificate

SSL Certificate बहुत ही अहम् SEO फैक्टर है क्यूंकि यह यूजर को सिग्नल देता है की आपकी वेबसाइट secure है इसीलिए SSL Certificate जरूर install करें। 

अगर आप hostinger से होस्टिंग लेते है तो फ्री SSL मिल जाता है। 

XML Sitemap बनाये

XML Sitemap सर्च इंजन बोट्स की मदद करता है वेबसाइट के सारे पेजेज को index करने में। 

जितना जल्दी आपके वेबसाइट पेजेज index होंगे उतना ही चान्सेस बढ़ता है सर्च रैंकिंग में ऊपर आने में। 

Robots.txt फाइल बनाये

Robots.txt फाइल सर्च इंजन को यह बताता है की कौन से पेजेज को crawl करना है और कौन से को नहीं। 

कई ब्लोग्गेर्स Meta Robots Tag का भी इस्तेमाल करते है और सर्च इंजन को बताता है की वेबसाइट पेजेज किस तरीके से क्रॉल करे। 

Robots.txt फाइल पुरे वेबसाइट के लिए बनाया जाता है जबकि Meta RobotsTag हर एक वेब पेज पे लगाया जाता है। 

Responsive Website Design

आपकी वेबसाइट का डिज़ाइन responsive होना चाहिए ताकि वो सारे devices पे easily accessible हो सके। आज के समय में ज्यादातर लोग मोबाइल या टेबलेट पर वेबसाइट access करते है इसीलिए आप अपने वेबसाइट का ये टेक्निकल पार्ट जरूर से चेक करे और इसके अनुकूल बनाये। 

Broken Links वेबसाइट SEO पे बहुत ही बुरा प्रभाव डालता है। अगर वेबसाइट पर 404 error आता है तो यूजर वेबसाइट छोड़ कर जा सकता है इसीलिए इसे फिक्स करने के लिए 404 landing page जरूर बनाये और कोशिश करे की internal linking 404 pages पे न हो। 

Canonical Tag को add करें

Canonicalization एक बहुत ही बड़ी समस्या होती है किसी भी वेबसाइट के लिए। यह ज्यादा आपको ecommerce वेबसाइट पर दिखेंगे, इसमें वेबसाइट के एक ही पेजेज के एक से अधिक URL बन जाता है जिससे कंटेंट duplicacy का error आता है। 

इसको solve करने के लिए  Canonical Tag का इस्तेमाल करते है। 

<link rel=”canonical” href=”Page URL”/>

Schema Markup जोड़े

Schema Markup या Structured Data एक javascript कोड होता है जो सर्च इंजन को आपके वेबसाइट कंटेंट को बेहतर ढंग से समझने में मदद करता है। 

निष्कर्ष:

आशा करता हूँ की पोस्ट से आप Technical SEO क्या है, क्यों जरुरी है और कैसे करे ये समझ आ गया होगा। अगर नहीं तो अपने सवाल कमेंट बॉक्स में जरूर डाले, मैं कोशिश करूँगा 24-48 hrs में reply करने का। 

अगर यह पोस्ट आपको अच्छा लगा हो तो प्लीज अपने दोस्तों के साथ और अपने सोशल मीडिया पर जरूर शेयर करें।

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