Internal Linking ON Page SEO का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है जो अक्सर नए ब्लोग्गेर्स इसका इस्तेमाल सही से नहीं कर पाते |
आप कभी भी internet पर कोई भी वेबसाइट को आप देख लो जो टॉप 10 में है आप पाएंगे की उन websites में बहुत ही अच्छे से internal links का इस्तेमाल किया गया है |
इस ब्लॉग पोस्ट के जरिये आप ये समझेंगे की SEO में इंटरनल लिंकिंग क्या है, यह आपके कंटेंट के लिए क्यों जरुरी है, Internal linking कितने प्रकार के होते है और अपने ब्लॉग या वेबसाइट के लिए internal linking कैसे करे |
Internal Linking क्या है? What is Internal Linking in Hindi
जब भी आप अपने वेबसाइट या ब्लॉग पेजेज को आपस में जोड़ते है तो उसे Internal linking कहते है
दूसरे शब्दो में समझते है, जब भी आप कोई भी article लिखते समय एक पेज को दूसरे पेजेज के साथ जोड़ते है तो उसे इंटरनल लिंकिंग है |
Internal Linking और External Linking का दर्जा On Page SEO फैक्टर में सबसे ऊपर है |
यह आपके वेबसाइट या ब्लॉग content structure बनाता है और आपके वेबसाइट visitors को आपके वेबसाइट कंटेंट को समझने में मदद करता है और encourage भी करता है वेबसाइट के दूसरे पेजेज का कंटेंट पढ़ने के लिए |
Internal Linking वेब डिज़ाइन और वेबसाइट विकास का महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसका मतलब होता है कि आपके वेबसाइट के अलग-अलग पेजों के बीच एक-दूसरे के साथ जुड़े हुए लिंक। यह लिंक आपके वेबसाइट के विभिन्न पेजों को एक साथ बाँधने में मदद करते हैं और आपके पठकों को आपके साइट के भिन्न-भिन्न सेक्शन्स तक नेविगेट करने में मदद करते हैं।
इसके अलावा, Internal Linking सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन (SEO) के लिए भी महत्वपूर्ण है। जब आप एक पेज से दूसरे पेज पर लिंक करते हैं, तो सर्च इंजन को यह संकेत मिलता है कि वह पेज के बीच एक साथ जुड़े हैं, जिससे आपकी वेबसाइट का रैंकिंग बढ़ सकता है।
Internal Linking कैसे काम करता है?
Internal Linking का काम सरल होता है। जब आप एक पेज पर एक लिंक देते हैं, तो यह उस पेज को दूसरे पेज से जोड़ता है। यह जोड़ विभिन्न तरीकों से किया जा सकता है, जैसे कि पाठकों के लिए मेन्यू में एक नेविगेशन लिंक, टेक्स्ट लिंक के माध्यम से।
इसका एक महत्वपूर्ण पहलू है कि इन्टरनल लिंक्स आपके पेज के संदर्भ में ही होना चाहिए। अर्थात्, यदि आपका पेज विशेष एक टॉपिक पर है, तो आपको उस टॉपिक से संबंधित कंटेंट को उस पेज के साथ जोड़ना चाहिए।
इससे आपके वेबसाइट या ब्लॉग पर bounce rate नहीं बढ़ेगा और आपके वेबसाइट पाठको को अन्य पेजों के बारे में बताता है ताकि वह आसानी से उन अन्य पेजों पर पहुँच सके। यह उपयोगकर्ताओं को आपकी वेबसाइट पर अधिक समय बिताने में मदद करता है और उन्हें आपकी वेबसाइट पर और अधिक कंटेंट पढ़ने के लिए encourage करता है।
इसके अलावा, सर्च इंजन के लिए भी Internal Linking का महत्व होता है। जब सर्च इंजन आपकी वेबसाइट को क्रॉल करता है, तो वह वेबसाइट के अलग-अलग पेजों के बीच लिंक को पहचानकर उन्हें एक साथ जोड़ता है। इससे सर्च इंजन को यह ज्ञात होता है कि वेबसाइट के किन पेजों के बीच कौन-कौन से रिश्ते हैं और कौन-कौन से पेज अधिक महत्वपूर्ण हैं।
Internal Linking के प्रकार (Types of Internal Linking)
#1 Menu / Navigational Link
Navigational Links एक बहुत ही important types है internal linking का क्यूँकि ये permanently आपके header menu में रहता है और यह search engines और आपके यूजर को महत्वपूर्ण कंटेंट के बारे में बताता है |
इसमें आप अपने main category pages को रखते है जिसके आस पास आप कंटेंट अपने ब्लॉग के लिए लिखते है और यूजर को हेल्प करते है कंटेंट तक पहुंचने में |
#2 Footer Links
Footer Links भी navigational internal link के तरह ही permanent रहता है लेकिन वेबसाइट के फुटर में|
जब भी आप कोई वेबसाइट देखेंगे तो आपको हमेशा ब्लॉग के footer में Contact Us, About Us, FAQs और important reference pages मिल जाएंगे | यह वेबसाइट visitors को बताने में मदद करता है की ये important कंटेंट है इस वेबसाइट का आपको जरूर पढ़ना चाहिए |
#3 Sidebar Links
Sidebar Links Relevant links होते है | इस तरीका का लिंक आप ज्यादातर multi niche blog या news ब्लॉग या वेबसाइट में पाएंगे |
Bloggers अपने ब्लॉग में relevant content को दर्शाने के लिए sidebar में internal links का इस्तेमाल करते है |
#4 Contextual Links
आप जो ब्लॉग कंटेंट के बिच में किसी text पर जो लिंक लगाते है उसे Contextual link या In-Text link कहते है |
Contextual Links में आप काफी descriptive anchor text पे लिंक लगते है और इससे आपके वेबसाइट SEO में काफी मदद मिलता है क्यूँकि इससे वेबसाइट यूजर और गूगल को कंटेंट समझने में आसानी हो जाती है |
Internal Linking के क्या लाभ हैं?
#1 User Experience बेहतर बनाने में मदद करता है
Internal Linking आपके पाठकों को आपकी वेबसाइट पर content को ढूंढने में मदद करता है। यदि कोई पाठक आपके एक पेज पर है और वह आपकी वेबसाइट पर अधिक कंटेंट देखना चाहता है, तो वह अन्य पेजों पर जाने के लिए आसानी से नेविगेट कर सके।
आप इसको एक यूजर की तरह सोचिये तब इसका मतलब समझ पाएंगे जैसे मान लीजिये की आप कोई वेबसाइट पर पहली बार visit करते है अपने कुछ सवालो के उत्तर ढूंढने के लिए और आपको आपके मतलब का कंटेंट ढूढ़ने में परेशानी हो रही हो तो आप वेबसाइट छोर कर चले जाएंगे |
इसीलिए जितना जल्दी यूजर को उसके सवालो का उत्तर मिलेगा वो उससे related और भी कंटेंट में interest show करेगा और इससे आपके वेबसाइट का User experience बेहतर होगा और आपके वेबसाइट का authority और trust दोनों बढ़ेंगे |
#2 Website पर Bounce Rate कम करता है
Relevant Internal Linking से आपके वेबसाइट पर यूजर अपना कीमती समय देता है और जितने देर तक वेबसाइट पर आपके यूजर टाइम बिताते है उतना ही अच्छा है क्युकी इससे आपकी वेबसाइट पर बाउंस रेट कम हो जाता है और गूगल की नजर में आपका कंटेंट valuable माना जाने लगता है | इससे वेबसाइट की सर्च रैंकिंग भी improve होता है |
#3 Users को अधिक Content के प्रति खींचता है
Internal Linking से आपके पाठकों को relevant content के प्रति आकर्षित करने में मदद मिलता है। यदि आपके पाठक एक पेज पर है और वह उस पेज से संबंधित अन्य पेजों के बारे में और भी जानना चाहते हैं, तो आप Internal Linking के माध्यम से उन्हें अधिक कंटेंट के प्रति प्रोत्साहित कर सकते हैं।
Internal Linking SEO के लिए क्यों जरुरी है?
1. इंटरनल लिंकिंग सर्च इंजिन्स को आपके नई कंटेंट को index करने में मदद करता है |
2. इंटरनल लिंकिंग से आपके वेबसाइट के कंटेंट स्ट्रक्चर को समझने में सर्च इंजन और यूजर दोनों को आसानी हो और आपके वेबसाइट यूजर को एक से दूसरे पेजेज पर नेविगेट करने में आसानी हो |
3. User Experience को सुधारने में मदद करता है |
Internal Linking कैसे करे?
बहुत सारे नए ब्लोग्गेर्स internal linking को सही तरीके से implement नहीं कर पाते है जिसके कारण उनकी वेबसाइट SERPs में रैंक नहीं कर पाते है |
निचे दिए टिप्स को फॉलो करके आप internal linking को अपने ब्लॉग में implement करके अपने ब्लॉग की रैंकिंग बढ़ा सकते है |
#1. Keywords सम्बंधित Anchor Text का इस्तेमाल करें
Internal linking के लिए आप कंटेंट में ऐसा कीवर्ड ढूंढिए जो आपके दूसरे कंटेंट के बारे में बता सके और उस कीवर्ड से related आपके पास कंटेंट हो |
इस तरीके के लिंकिंग से सर्च इंजिन्स को आपके कंटेंट को अच्छे से समझने का मौका मिलता है और उस कंटेंट के आस पास जितने भी कीवर्ड है उससे सर्च इंजन में रैंक करने में मदद मिले |
#2. Relevant पेज या पोस्ट को ही लिंक करें
यह नए ब्लोग्गेर्स के साथ बहुत बड़ी समस्या होती है वो अच्छे से इंटरनल लिंक नहीं करते जिसके कारण उनकी वेबसाइट सर्च रैंकिंग में नहीं आते |
आईये आपको उद्धरण से समझाता हूँ की इंटरनल लिंकिंग कैसे करे ताकि आप अपने ब्लॉग में implement करे और अपने वेबसाइट को गूगल सर्च में टॉप 10 में आये और आपके वेबसाइट पर Organic traffic भर भर कर आये |
मान लीजिये की आपके पास category है SEO, Online Making Money, Hindi Learning Resource इत्यादि तो अगर आपका ब्लॉग पोस्ट SEO category से related है तो आप इंटरनल लिंकिंग same category के पोस्ट के साथ ही करे ताकि यूजर अपने interest loose न करे, नहीं तो आपके वेबसाइट पर bounce rate बढ़ सकता है |
#3. Broken Links को फिक्स करें
समय समय पर अपने वेबसाइट पर broken links है की नहीं ये जरूर चेक करे क्यूंकि ब्रोकन लिंक आपके वेबसाइट पर बाउंस रेट बढ़ा सकता है और सर्च रैंकिंग में असर डाल सकता है |
Broken link चेक करने के लिए आप इस लिंक का इस्तेमाल कर सकते है – https://www.brokenlinkcheck.com/
निष्कर्ष:
इस पोस्ट के जरिये आप से जान गए होंगे की Internal linking क्या है और यह आपके website SEO में कैसे मदद करता है और मैं आशा करता हूँ की आप ये भी समझ गए होंगे की आप अपने नए ब्लॉग में इंटरनल linking कैसे कर सकते है |
अगर फिर भी आपके सवालों का जवाब नहीं मिला है तो आप कमेंट में पुँछ सकते है |
अगर यह पोस्ट आपके सवालो का उत्तर देने में मदद किया है तो प्लीज अपने दोस्तों और सोशल मीडिया पर शेयर जरूर करे |
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Biswajeet Singh इस हिंदी ब्लॉग के Founder हैं। वह एक Professional Digital Marketer हैं जिनको 12+ years का experience है और इनको SEO, Blogging, wordpress, Make Money Online से जुड़ी विषय में लिखने में रुचि है। अगर आपको ब्लॉगिंग या Internet से जुड़ी कुछ जानकारी चाहिए, तो आप यहां बेझिझक पुछ सकते है।