कीवर्ड स्टफिंग क्या है और यह आपकी वेबसाइट SEO पर क्या असर डालता है

Search Engine Optimization (SEO) एक ऐसी प्रक्रिया है जिसका इस्तेमाल  वेबसाइट या ब्लॉग को सर्च इंजन रिजल्ट में टॉप पर लाने के लिए किया जाता है। आज के डिजिटल युग में, हर कोई अपनी वेबसाइट या ब्लॉग को सर्च इंजन रैंकिंग में टॉप पर देखना चाहता है, और इसके लिए लोग काई तरह से एसईओ तकनीकों का उपयोग करते हैं। लेकिन, कुछ लोग गलत तरीके से यानी ब्लैक हैट एसईओ करते हैं, जिसमें से एक प्रमुख तारिके है “कीवर्ड स्टफिंग।” इस पोस्ट में हम आपको बताएंगे कि कीवर्ड स्टफिंग क्या होता है, इसे क्यों नहीं करना चाहिए, और आप अपनी वेबसाइट या ब्लॉग पर एसईओ को बेहतर कैसे बना सकते हैं।

कीवर्ड स्टफिंग क्या है? What is Keyword Stuffing in Hindi

Keyword Stuffing एक ऐसी गलत प्रकिया है इसमें  वेबसाइट या ब्लॉग के कंटेंट में कीवर्ड को अधिक बार इस्तेमल किया जाता है, ताकि सर्च इंजन उस  कीवर्ड को अधिक बार देखे और उसे टॉप पर रैंक करे। इसका मुख्य उद्देश्य सर्च इंजन बॉट्स को धोखा देना होता है, और ऐसी वेबसाइटों को टॉप पर लाने का प्रयास होता है।

कुछ लोग सोचते हैं कि अगर अपने कंटेंट में एक विशेष कीवर्ड को बार-बार डाला जाए तो उनकी वेबसाइट सर्च इंजन के टॉप पर आएगी। लेकिन ये गलत है | गूगल सर्च इंजन ने 2011 में panda update रिलीज़ किया था और तब से कीवर्ड स्टफ़िंग वाली वेबसाइट को deindex कर रहा है | कीवर्ड स्टफिंग सर्च इंजन के दिशा-निर्देशों के खिलाफ है और आपकी वेबसाइट के लिए नुक्सान कारक है।

Keyword Stuffing Technique का लोग किस तरह से इस्तेमाल करते हैं गूगल को धोखा देने के लिए

कीवर्ड स्टफिंग काई टैरिको से किया जा सकता है, जैसे:

Visible कीवर्ड स्टफिंग: इसमे कीवर्ड को कंटेंट में बार-बार दिखाया जाता है, जिससे यूजर के लिए कंटेंट असली और meaningful नहीं लगता। ऐसे कंटेंट को पढ़कर यूजर का इंटरेस्ट कम हो जाता है।

Invisible कीवर्ड स्टफिंग: यह प्रक्रिया अक्सर HTML कोड में होती है, जिस कीवर्ड को व्हाइट टेक्स्ट में छुपा दिया जाता है, ताकि यूजर इसे देखे नहीं, लेकिन सर्च इंजन बॉट यूज देखते हैं। इसे भी सर्च इंजन को धोखा देना कोशिश की जाती है। इस technique को SEO में क्लॉकिंग भी कहते है| 

Meta Tag कीवर्ड स्टफिंग: मेटा टैग जैसे टाइटल टैग और डिस्क्रिप्शन टैग में कीवर्ड स्टफिंग की जाती है। इस वेबसाइट के मेटा टैग सर्च इंजन रिजल्ट में शो होते हैं और यूजर को आकर्षित करने के लिए किया जाता है।

कीवर्ड स्टफिंग से वेबसाइट रैंकिंग पर क्या असर होता है

आशा करता हूं कि आप सभी को कीवर्ड स्टफिंग क्या है ये समझ आ गया होगा | आइए अब ये समझते हैं कि नए ब्लॉगर इस्का इस्तेमाल क्यों करते हैं और इससे उनकी वेबसाइट पर क्या असर पड़ता है

जायदातर नए ब्लॉगर अपने ब्लॉग को जल्दी से जल्दी  monetize करना चाहते है और फिर वो गूगल को चीट करना चाहता है ताकि उनकी वेबसाइट जल्द से जल्द गूगल टॉप 10 रैंकिंग में आ जाए और वहां से ट्रैफिक जेनरेट करके पैसा बना सके।

लेकिन ऐसा होता नहीं है. आइए जानते हैं कि ऐसा करने से आपकी वेबसाइट के SEO पर कितना असर पड़ता है।

1. Search Engine Ranking में गिरावत: 2011 में पांडा अपडेट के बाद करीब 12% अंग्रेजी भाषा की वेबसाइट पर इसका सीधा असर दिखा था क्योंकि ये सारी वेबसाइट ने ब्लैक हैट एसईओ का इस्तमाल किया था जैसे कीवर्ड स्टफिंग, डुप्लिकेट कंटेंट आदि। इसीलिए कंटेंट में कीवर्ड अगर नैचुरली नहीं add नहीं किया गया तो आपकी वेबसाइट को सर्च इंजन से बिलकुल बाहर निकला जा सकता है 

2. User Experience खराब हो सकता है: कीवर्ड स्टफिंग से कंटेंट असली और valuable नहीं लगता, जिससे यूजर को समस्या होती है। इससे आपकी वेबसाइट पर बाउंस रेट बढ़ने का खतरा भी होता है और आपके विजिटर आपकी वेबसाइट पे दोबारा रिटर्न कभी नहीं आएंगे।

3. Penalty मिल सकती है: अगर आपकी वेबसाइट पर कीवर्ड स्टफिंग का इस्तेमाल होता है तो सर्च इंजन पर आपको पेनाल्टी भी मिल सकती है, जिससे आपका डोमेन ब्लैकलिस्ट हो जाएगा।

Keyword Stuffing के Penalization से कैसे बचे

ये बहुत दिलचस्प सवाल है कि बिना कीवर्ड को बार-बार लिखे हम अपनी वेबसाइट को गूगल सर्च इंजन में पर टॉप पर कैसे ला सकते हैं?

गूगल सर्च इंजन बॉट अब इतना इंटेलिजेंट हो गया है कि आपके कंटेंट में समानार्थी शब्द इस्तमाल हुआ है इसे भी वो आपकी वेबसाइट को तबज्जो देता है। इसीलिये निचे कुछ पॉइंट लिखे है जिसकी मदद से आप अपनी पोस्ट को बिना कीवर्ड स्टफिंग के भी रैंक करवा सकते हैं

Quality Content: आपको high-quality और informative कंटेंट लिखना चाहिए। आपका कंटेंट उपयोगकर्ताओं के लिए मूल्यवान होना चाहिए ताकि उन्हें आपकी साइट पर लौटने का कारण मिले।

Keyword Research: कीवर्ड रिसर्च करना बहुत जरूरी है। आपको समझना होगा की आपके वेबसाइट niche में कौन सा कीवर्ड सर्च किए जा रहे हैं और फिर उन्हें अपने कंटेंट में नेचुरल तरीके से इस्तेमाल करना चाहिए।

Keyword Density: Keyword density सीधे लिंक है keyword stuffing से इसलिए इसका ध्यान रखना बहुत ही जरूरी है। कीवर्ड को कंटेंट में एक नेचुरल तरीके से शामिल करना चाहिए, बिना उसे बार-बार रिपीट किये। Ahref और Semrush की माने तो आपके कंटेंट में ज्यादा से ज्यादा 1% का keyword density होनी चाहिए।

Meta Tag: आपके कंटेंट के साथ-साथ आपके Meta Tag भी ऑप्टिमाइज़ होने चाहिए। Title Tag और Description Tag को ध्यान से लिखें ताकि readers को आपकी साइट के कंटेंट के बारे में सही जानकारी मिल सके।

Internal Linking: अपने कंटेंट में इंटरनल लिंकिंग का इस्तमाल करना भी SEO के लिए महत्वपूर्ण है। इससे आपके पोस्ट को समझने में सर्च इंजन को आसानी होता है और सर्च रैंकिंग में मदद मिलती है।

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